SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 91
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६६ संधिकाव्य-समुच्चय तंबोल पंच-सोगंधियाण अवझाणु पमाय विहिंसयाण' आगास-नीरु इय भोग-माण वज्जेमि* पाव-बुद्धिहि पयाण पत्ता इय नियमई लेविणु वीर नमेविणु सिवनंदह जाइवि' कहए सिवनंद वि रम्मू जिण-वर-धम्मू सामि-पासि पणमवि लियए ॥२३ [२] अह गोयम पुच्छह पहु नमे किं लेसिइ व्रतु आणंदु एउ तउ अक्खइ सामि वि जाव-जोवु इह करिसइ सावय-धम्म-दीवु अह'होसइ सुर-वेमाणि रम्मि सोहम्म-कप्पि अरुणप्पम्मि तहिं चारि पलिय पालेवि आउ एगावयारु तउ सिद्धि-ठाउ आणंदु वि चउदस-बच्छराई पाछेवि दुवालस-गिहि-वयाई चिंतेइ पुव्वरत्तावरत्ति मायत्ति" मण्झ बहु-जणह तत्ति ता जिण-पणीय धम्मे सयाइ मा खलणु होउ'' कह वि हु पमाइ इय चिंतिय सिरि-कुल्लाग-गामि पोसाल करावइ सुद्ध-ठामि असणाई चउबिहु उक्खडेउ जीमावइ सयल वि नयर-लोउ तउ जिट्ठ-पुत्ति आरोवि भारु आणंदु जाइ पोसह अगार" पत्ता तत्थ ट्रिउ माणवि देविहिं दाणवि अक्खोहिय मणु जिण-पहइ सलेहण-जुत्तिय छ-वरिस-उत्तिय सावय-पडिमा सो वहइ ॥११ [३] इकु मासु देव-प्या ति-संझ सम्मत्त-पडिम अइयार-वंश दो मास सुद्ध-बारस-वएहिं वय-पडिमा पालइ" नियय-गेहि सामाइय गिन्हइ वार दुन्नि पुव्वुत्त किरिय सउं मास तिन्नि चउ-पव-तिहिहि करि उप्पवास सो पोसहु पालइ च्यारि मास चउ-पब्वि चहुट्टइ निरुवसग्गु सो पंचमास लिइ काउसग्गु छम्मास बंभचेरं घरेइ सच्चित्तु सत्त मासा न लेइ 1. A सदाण 2. A वज्जेवि 3. A जायवि कहइ 4. B पूछ। 5. A नमेवि 6...A तउं 7. B इह 8. A तह 9. A पालेइ 10. A आयत्थ 11. B होइ 12. A अगारि 13. A दुइय 14. A दिई Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002656
Book TitleSamdhikavya Samucchaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorR M Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1980
Total Pages162
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy