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११. आणंद-सावय संधि
[कर्ता : विनयचन्द्रसूरि
रचना समय : ई. स. १३०० पूर्व ]
ध्रुवक सिरि-वीर-जिणिदह पणय-सुरिंदह पणमवि गोयम गुणनिहिहि' आणंद सुसावय
धम्म-पभाक्य भणिसु संघि गमविहिहि ॥१
[१] सत्तमय-उवासगदसह मंगि
सिरि-वीर भणिय कायव-भंगि' इय पूछह पणमवि जंबु-सामि इम अक्खइ गणहरु सुहम-सामि २ इह मगहदेसि वाणिज्ज-गामि नरनाहु मासि जियसत्तु नामि गाहावइ निवसइ तहि सुतंतु
आणंदु नामि सिवनंद-कंतु कुल्लागु नामि तसु तडि निवासु चेइउ अस्थि तहिं दुइपलासु सिरि-इंदभूइ-पभिइहिं समाणु । तहिं समवसरिउ सिरि-वद्धमाणु वंदणह जाइ जियसत्तु राउ
आणंदु वि सावउ सुद्ध-भाउ जिण-देसण निसुणवि इक्क-शाणु आणंदु लेइ परिगह-पमाणु वज्जेमि थूल-जीवाण हिंस
अलियं पि थूल चोरिय निसंस सिवनंदा विणु मुझ नियम नारि दस दस य सहस गोकुल चियारि १० तह निधिहि कलंतरि वव्वहारि । मुझ कणय-कोडि हउ चारि चारि हय सगड याण पण-पण-सयाई चत्तारि वहति य पवहणाई १२ जिट्ठीमह'-दंतण मह सुसाउ अभंगि तिल्लु सय-सहस-पाउ तह सुरहिगंध-उव्वट्टणं च
बल-कुंभिहिं अट्टहिं मज्जणं च लहणई गंध-कासाइयाई
भाभरणिहि मुद्दिय-कन्नियाई तोरुक्क-अगरु-धूवेहिं ध्व
मालइय-पउम कुसुमह सरूव कप्पूर-अगरु-कुंकुम-विलेउ
वर-खोम-जुयलु पहिरण-समेउ खीरामलं च फल कलम-सालि मुग-मास कलायह तिन्नि दालि १८ घेउरय खग्जि पिय कट्ठपेय घिउ सरय-समय गाविहिं समेय पल्लंकि मंडुकि य वंजणाई
नेहंबदालि वलि तिम्मणाई २० 1. A .हिहिं 2. B कायस्थभंगि 3. A पुच्छिउ 4. A इय 5. B नहिहिं 6. B सगल 7. B जिट्ठीमुह 8. B लूहणय 9. B विल तिमणाइ
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