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अतिसुकुमाल-संधि
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स लहु पहु-पाय-पासम्मि पत्तो तओ पणमिउं पंजली पुच्छए अग्गओ पयडमेव सरूवं परूवक्त्या
नलिणिगुम्माउ तुब्भे वि कि पत्तया २ भणइ सूरी विमाणुत्तमाओ तओ मणुय-जन्मम्मि नेमम्मि अहमागओ तह वि जाईसरो सरसि त जारिस मुणउ अहयं पि -सुत्ताउ त तारिसं ४ तहिमहं गंतुमच्चतमुक्कठिओ पहु-पहेण किणा जामि जंपसु इओ गम्मए तम्मि थामम्मि सम्म महा- सत्त-सिक्खाए दिक्खाए न हु अन्नहा ६ देह दिक्ख च सिक्ख च सपइ महं सामि जह जामि काऊण तें अवितहं सत्थवाहीएऽणुन्ना मणुन्ना महं नस्थि तो वच्छ दिच्छामि त तुह कहं ८ काल खेवक्खमो नाह नाह तो पब्वइस्सामि सयमेव इय निच्छओ
इय निच्छउ जाणिवि तो दिक्खा दिन्नी
गुणु परियाणिवि तेण' पवन्नी
होउ सयं मा गहिय-वओ जइ जायउ साहस-निलओ ॥१०
वच्छ पत्तं पवित्त चरितं तए पालियव्वं चिरं कालमेयं जए सग्ग-अपवम्ग-संसम्ग-ससाहणं ___ होइ किज्जतमेवं इम सोहणं । नमिय नव-साहुणा वुत्तमुत्ताणये सामि साहेमि अज्जेव अप्पाणथं नलिणिगुम्मे विमाणम्मि भोगसुगो सपय पढिओ मुक्कमणुयाउग्ने अह रिसि गुरु-समासाउ सो निग्गओ बोरि-कथारि-कंटी-कुडंगं गो छिन्न-साहि व्व साहीण-साहस-रसो निवडिओ तत्थ वित्थरिय-सुत्थिय-जसो ६ रुहिर-गधेण पायाण पत्ता सिवा पिल्लगेहि अणेगेहि सद्धि सिवा खाइ पाएहि सा एगओ तं रिसिं अन्नओ पेलगाई पुणो तं निसिं ८ पढम-जामम्मि जा जाणु सो खद्धओ दुइय-जामम्मि जा ऊरुगाणग्गओ तइय-जामे वि जा नाहि ता भक्खिओ पुत्तु पचत्तमेत्थंतरे थिर-
हिओ १०
पत्ता भावण भावितउ प ड सहंतउ कुप्पइ कासु वि नो उवरि नव-पुन्निहि पुन्नउ खणि उप्पन्नउ नलिणिगुम्मि विमाण-वरि ।।११
1. L होइ 2. L तो न 3. P जायवु 4. P पायाहिं 5. L घणो
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