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गयसुउमाल-संधि
ठिउ रिट्ठनेमि सेविउ सुरेसि बारवइ-नयरि रेवय-पएसि सकलतु पत्तु वंदणहं रेसि सुकुमाल-कुमरु निस्सम-सुहेसि
___पत्ता देसण निमुणेविणु चित्ति धरेविणु संसारहि 'सुविरत्त-मणु घरवासु विसज्जइ दिक्ख पवज्जइ जिणहं पासि परिचत्त-रणु ॥११
पव्वज्ज पवज्जहिं दो वि भज्ज सह सोम-पभावइ भुय'-अवज्ज सुकुमाल-साहु अइ-चंग-अंगु जाणियइ जाउ किर मुणि अणंगु विन्नवइ नमेविणु नेमि-नाहु जोडिय-करग्गु सुकुमाल-साहु जइ उवदिसहु सहि उवसग्गु निसि करउं मसाणि तं काउसग्गु ४ अणुजाणिउ गय-मुणि गउ मसाणि उस्सग्गु करिवि ठिउ मोण-झाणि न चलेइ सुरेहिं वि सुद्धभाउ सुर-सेलु जेंव निवकंप-काउ अह कह वि *दुजाइ सु सोम-सम्मु तहिं ठावि पहुत्तउ कूर-कम्मु अवलोइवि गयसुकुमाल-साहु चितेइ तिव्व-कोवग्गिदाहु परिणिवि अणेण मह धूय धुत्ति पासंडु लियाविय रम्म-मुत्ति तसु तणी वट्ट हा हा हयासि लहु लइय विडंबिय सुगुणरासि १०
पत्ता ता एहु स लीहइ अवसरि ईहइ वइरिङ साहउं अप्पणउ इय सीसे चियानलु जालइ अग्गलु कूर-कम्मु सो निग्घिणउ ॥११
[११] जिंव जिव सिरु दुज्जाइ सु जालइ तिव तिव सुमुणि खमा-रसु ढालइ जिंव जिंव सिरु दहेइ वइसानरु तिव तिव होइ कम्मु छारुक्करु मणि मुणिवरु वर-भावण भावइ खणि खणि सुक्क-झाणु संभावइ एहु देहु जइ उज्झइ डज्झउ मह जिउ कम्म-कलंकिहि सुज्झउ ४ दढ-तिल-जंतुप्पाइय-पीलण खंदग-सीस सहाविय वेयण चरण-चवेड देवि विद्दारिउ वग्घि सु साहु सुकोसलु मारिउ ।
1. L सुचरित्तु 2. L चुय 3. L देव दिसहु 4. L हुजाइ 5. L सुहगुरासि 6. L सहाइय
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