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रिसह-पारण-संधि जं गोवाल-बालि' रिसि दिन्नउ तासु वि तारिसु फल संपन्नउ जं पुणु दिज्जइ जिण-पहु पत्तह कासु सत्ति फलु तासु कहतह २ पत्त-दाणु दोगच्चु विहंडइ भुवण -लच्छि आणइ बलिमड्डइ .. भोग अभंगुर भवि मुंजावइ भवु" भजिवि सुहु सिद्धिहिं दावइ ।३ एक्कु जि पत्त-दाणु परिदिज्जइ किं चिंतामणि-पाहणि' किज्जइ इह-पर-लोग-दाणु तं साहइ चिंतामणि पुणु टगमग चाहइ ।४
घत्ता
मणि-रयण -सुवन्निहिं गुड्डी' उच्छल्लिय
अरु पणवन्निहिं दुंदुहि वज्जिय
पुप्फिहिं पयरु पवंचियउ जयइ सुदाणु पघोसियउ ॥१२
उप्पाइय देविहिं पंच-दिव्व घरि कुमरहिं कुसल-महानिहि व्व। 11जुवराई अउरु नरराइं सारु आरद्धउ वद्धावण-पयारु पहिरेवि चीर नव-रंग-रक्त पविसति तरुणि गहियक्खवत्त सीमंति ताहं कुंकुम-थबक्क फल-बीडां दिज्जहिं कय-चमक्क वज्जति तूर अइ-तारतारु नच्चंति नारि अइ-फार-चारु विजयावलि पयडहिं भूरि भट्ट अरु उदउ उदउ जोगियह थट्ट ।३ तह पाउल-लीला वइस-लीलु गाएवि कुमारह सच्चु सील वद्धारिवि चंदणु भालवट्टि निय-रंगि पयट्टिहिं चारु नट्टि ४
घत्ता नव-पल्लव-सोभिय तोरण उब्भिय गयउरि घर घर बारि जणि वर-दाणई दिज्जइ मग्ग छड्डिज्जई झयझवाल ज्ञलहलहिं खणि ॥१३
[१४] परमेसरु पारिवि गउ विहारि पुरि नयरि देसि दुह-दुरिय-हारि आवेवि कुमरु पयडिय-पमोय ते पुच्छहिं तावस सयल लोय । 1. L बालइ 2. P कहतइ 3. P विहडइ 4. P भुवणि 5. L बलिमंडइ 6. L भउ 7. L पाहणु 8. P रयणि 9. P पणवन्नहिं 10. P गुडी 11. P जुवराई 12. L गाइएवि 13. Lजिणि 14. P दिज्जहिं 15. Lछडिज्जहिं
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