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________________ -८ संधिकाव्य-समुच्चय संधि-१२ १२मी अंतरंगसंधिना कर्ता रत्नप्रभगणि छे. प्रथम पांच संधिना कर्ता रत्नप्रभसूरिथी आ कर्ता भिन्न छे. कविना गुरुनु नाम धर्मप्रभसूरि छे. संधिनी ताडपत्रीय प्रतिमां प्रशस्ति आम छे ॥ से-त् १३९२ वर्षे आषाढ शुदि गुरौ ॥ ग्रंथाग्रे श्लोक २०६॥ श्री धर्मप्रभसूरिरत्नप्रभकृतिरियम् ।। । 'धर्मप्रभसूर' पछी 'शिष्य' शब्द छूटी गयो जणाय छे. प्रतिनु लेखन वर्ष सं. १३९२ (ई. स. १३३६) छे. आथी संधिनी रचना ते पूर्वे होवान निश्चित थाय छे. संधि-१३ १३ मी केशी-गौतम-संधिना कर्ता अज्ञान छे. आ संधिनी जूनामां जूनी प्रति सं. १४८६ (ई. स. १४३०)नी मळे छे. ते परथी रचना-समय ई. स. १४३० पूर्वे निश्चित छे. संधि-१४ १४मो भावनासंधिना कर्तानु नाम जयदेव मुनि छे. तेओ पोताने शिवदेवसूरिना प्रथम शिष्य तरीके ओळखावे छे, जयदेव नामक एक करतां वधु जैन मुनिओना उल्लेख मळे छे, पण तेमां कोई शिवदेवसूरि-शिष्य जयदेवनो उल्लेख मळ्यो नथी. . संधिनी प्राप्य जूनी हस्तप्रतिनो लेखन संवत १४७३ (ई. स. १४१७) छे. तेथी रचना. ते पूर्वेनी होवान निश्चित छे. संधि १५-१६ ___ आ बन्ने संधिना कर्ता एक ज छे. तेओए बन्ने संधिमा मात्र पोताना गुरु जयशेखरसूरिनु नाय आपेल छे. श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरना हस्तप्रतीना सुचिपत्रमा नं. ७३०७ पर प्रस्तुत शीलसंधिनी प्रति नोंधायेल छे, तेमां कर्तानु नाम वजसेनसूरि आपेल छे. ज्यारे 'जैन ग्रंथावलि' मां आ ज शीलसंधिना कर्ता तरीके 'जयशेखरसूरि-शिष्य ईश्वर गणि' नाम आप्यूछे, आ बन्ने नामो शंकास्पद छे. शीलसंधिनी जुनी हस्तप्रति स. १४८६ (ई. स. १४३०)नी उपलब्ध छे. तेथी रचना. काळ ते पूर्वे निश्चित थाय छे. संधि-१७ १७ मी हेमतिलकसूरि-संधिना कर्ता अज्ञात छे. संधिमां ज हेमतिलकसरिना स्वर्गवासन वर्ष सं. १४१२ (ई. स. १३५६) नोंधायेल छे. ते पछीना पचासेक वर्षना गाळामा संधिनी रचना थई होवानु मानी शकाय. संधि-१८ १८ मी तपसंधिना कर्ताए पोताने चंद्रगच्छना सोमसुदरसूरिना शिष्य विशालराजसुरिना शिष्य तरीके ओळखावेल छे. चंद्रगच्छ (पाछळथी तपागच्छ)ना ५०मा पट्टधर सोमसुंदरसूरिनो समय सं. १४३०-१४९९ (ई. स. १३७४-१४४३) छे. तेमना शिष्य विशालराजसूरिनो समय अनुमाने सं. १४५० पछी मूकी शकाय. आथी तेमना शिष्य तपसधिकार सं. १५०० नी आसपास आवे. वळी संधिनी हस्तपतमां सं. १५०५ आपेल छे. जेने रचना-वर्ष मानी शकाय. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002656
Book TitleSamdhikavya Samucchaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorR M Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1980
Total Pages162
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size7 MB
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