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उवएस-संधि न हु कीजइ 'पत्थणहार भंग टालजइ दुव्रण जण कुसंग अप्पाण पसंता मा करेह
सिंगार सउभड मा घरेह 'नवि कोजइ वयरी-जण-विसास नवि कीजइ वीससिमां-विणास जगि कीनइ गुणि नण-गोठि रंगि* राहि जिणागम नवल-रंगि छडिज्जइ न निय-कुल-आचार ववहार सरीजइ दय-धम्म-सार" मन रोस कसाय न करि कलीय इम दजइ दुक्ख जलं नली य १०
पत्ता10 जस-माल वरीजइ धन वेचीजइ सत्त-खेत्ति सइ हत्थि करे तप-दान सरीजइ भाव धरीजइ भावण भावहु विविह परे ॥ ११
अह गारव-माया-मय निरासि . सिद्धत सुणीजइ सुगुरु-पासि 15भावणु उवहोजइ 1 धरम-मूल जो वसीकरण' विणु-मंत-मूल 1°ववहार करइ जो धण-पमाणि जो' बुल्लइ अवसर जाणि वाणि जो जाणइ निय-पर-जण-विसेस तमु सेव करई दुजण असेस पर-गेहि म 1 वच्चहु प्रीतिहीणु जम्मंतरि भासि म वयण होण अवगणीइ नवि नर राय रंक निम जोवह न चडइ दोस-पंक परु गणीइ अप्प-समाणु जीव नवि कुडउं वचन न दोह कीव पडिवन्नउ1 पालइ वयणु लोइ तसु जीव न दुक्ख कयावि होइ झाइज्झइ एकु जि वीअराउ जिण-आण-भणी धरि चिति भाउ इम बुद्धि धरतां रयणि-दीस सवि पूजई मनि आसी जगीस 1A धम्मह भा भंग 2.B न करीजइ 3. A विणाण 4. A रंगु 5. A सहसि जि रंगि 6. B सरिस दय धम्म 7. A. भार 8 B. कसाया करि 9 A. दोष 10. A. वस्तु 11 A सप्त क्षेत्रि B, सत्त खेति 12. A. भावउ 13. A. सोविण य बड़ी. 14. B घरम 15. B. वसीकरणा 16 B. विवहार करे 17. A. बोलइ 18. A. नाइसि 19. B. न हु दाखी अइ हीणु । 20. A. जीव न चुहरइ 21, A न्न वयण पालइ ज लोय 22 B इक्क वि 23. A. करंत 24 B आसा
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