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संधिकाव्य-समुच्चय
पत्ता
उवएसह संघिम' निरमल-बुद्धिम जो पढइ पढावइ सुह-मणि भावइ
हेमसार इम' रिसि कहइ वह रुद्धि वद्धि सो लहइ
॥ ११
1. B संधि निरमल बंधी 2. A इम वीनवई ए 3. A सुणइ सुगावइ 4 A सिवसुह 5. अंत: AB. इसि उपदेस संधि समाप्त ।।
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