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• आहारु उबहि जे वसहि पत्तु विमुयहि सचित्त अचित कुद्ध तणु पासहिं घोवहिं भूसहिं गत्तु कुलि गामि वहिं ममत्तु करहिं अन्न वि मुणि जे जिण आण-जुत्त बलु सत्ति न गोवहिं वीरियारु पाणि-बहु अढत्तु लीड वज्जइ अदत्त वहिं कसाय इंदिय दमंति नाणिणे दक्षणि चरिणिण तवेण दसविह- जइ धम्मु करंति धीर आवरसम्गहणासेवणं ति उज्जुय पर - उवयारिहि निरोह
- दुम-पक्विि जे तवि तणु सोसहि
संधिकाव्य-समुच्चय
[१०]
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घत्ता
मासुववासिहिं संजमु पोसहि
अणएसण भुंजहिं राइ भत्तु वह - पायरम्मि तन्ह लुद्द
६
ते अणि अप्पर हुंति सत्तु सलु वि अणिच्चु नवि चित्तु घरहिं ४ विहरहिं जगि निस्सह समय गुत्त निय सत्ति वहहिं सीलिंग-भारु मेहुन्न परिग्गह जं दुट्ठ भत्त ते अप्प नाहु अप्प करंति वोरिय भाव सत्तिण बलेण उवसग्ग- परीसह सहण - वीर अपमत्त काल - पडिलेहणं ति अभिय-चित्त जह पवर सीह
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कहिउ तुह राय निय-सयल - वित्तंतया
जिम अणाही सणाहा व जगि सत्तया रविवयवो पाउ य तणु-वय-मणो
लद्धि कुल - जम्म खित्तम्मि आरिय-जणे धम्मु जिणनाह रूवं अरोग्गत्तणं
साहु- सामग्गि सा य जिण सासणं धम्मु अणगारु गिह-धम्मु निय-सत्तिणा
धारिया य भावण सुह- कंखिणा'
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णाणा विहहिं अभिग्गह हिं लीलइ वच्चई सिव- सुहइ ॥ १३
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४
1. नाणिणी 2 अक्ख० 3 ० विहइ अभिअहहिं 4 अणाहां सणाही य जंगि 5 सहा 6. अहिमारु 7.
वो
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