SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 114
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ केसी-गोयम-संधि पत्ता तो गोयम वुच्चइ 'जं तुहु रुच्चइ तं पुन्छेह भदंत लहु' तं निसुणि महेसी पभणइ केसी विणय-धम्म पयत बहु ॥९ [१४] 'जम्मण-मरण-रोगि जगु पीडिउ दीसइ दुखि निरंतर भीडिउ गोयम अच्छइ कोइ पएसो 'जित्थु नही जर-मरण-पवेसो' 'ठाणु एगु छइ उत्तम लोए जहिं जर-मरण-पवेस न होए' केसी जंपइ “किसउं सु ठाणं' गोयम वासु करइ वक्खाणूं 'सिद्धि-सिलोवरि अस्थि पहाण मुक्खु एक अजरामर-ठाणूं साचइ जम्मण-मरणि जु बीहइ सिवकुमार जिम सो "सिवु ईहइ' 'साहु साहु गोयम तुह पन्ना सयल भंति मह चित्तह छिन्ना' इम भणि कय-किइ--कम्म-विसेसू केसि लियइ गोयम-वय-वेसू पत्ता इम करवि विचारू संनम-सारू पालेविणु जे मुक्खि गय ते गोयम-केसी चित्ति निवेसी शायहु भवियाणंदमय 1. B जत्थ 2 B. किइसउं ठाणउं 3. B मरण जि 4. B सुह 5. B. संजमभारू 6. अन्तः A. । इति श्री केसीगोतमसंधि समाप्तः ॥६॥ B. ॥१०॥ इति श्री केसीगोअम संधिः संपूर्ण । श्रा० सोभी-पठनार्थमलेखि श्री उदयनंदि सूरि-शिष्येण ॥द०॥ १२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002656
Book TitleSamdhikavya Samucchaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorR M Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1980
Total Pages162
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy