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________________ भूमिका कइ डील दीजइ, कइ अधिक धननी राशि आणीइ. किसिउं 'शु ?' – तुझनइ किसिउ वीसरिउ. भार दर्शाववा बने विकल्पना निषेध वाळां वाक्योमा आरंभे न : न नंदराजा दान दिइ, न प्रधान वर्णवइ. २४. विशेष्यनी पछी विशेषण विशेषण - विशेष्य एवो सामान्य क्रम केटलीक वार उलटाय छे, अने विशेषण (के विशेषणीय. खंड) विशेषणनी पछी लगोलग मुकाय छे, अथवा तो ते क्रियापद पछी, वाक्यने छेडे मुकाय छे. (१) विचालइ नदी एक महांत आवी । युग्म एक वसइ । दिन बि गया । वात सर्व ... 1 ए प्रतिज्ञा दोहिली कांइ कीधी ? राज आपणउ ... माली एक आपणउ विश्वासी तेडी.... प्रतिज्ञा आपणी... च्यारि कुंडल रत्नना देई ... वयर बालक आठ वरस नउ संघाति लेई ... (२) पुत्र प्रसविउ सूर्य-समान । पुत्र जन्मिउ सर्व - लक्षण - संपूर्ण । घणा अश्वकिसोरा हूया बहुमूल्य । एसिड सांभलीइ छइ लाजनउ कारण ? चिहि रचावी चंदनना लाकडानी । लोक घणा कउतिगीयाल मिल्या छइ नगरीना । २५. क्रियाविशेषणीय खंड वाक्यान्ते क्रियाविशेषणीय खंड वाक्यमां अनुकूळता प्रमाणे गमे त्यां पण क्रियापदनी पूर्वे मूकवाना ब्यापक वलणनी साथसाथ तेने वाक्यान्ते – एटले के क्रियापदनी पछी — मूकवानुं वलण पण अनेक वार देखाय छे. (१). अनुग वाळो खंड ते सोनारनइ दीघां समारिवा-भणी । तात कथीर पीधरं शोधि होवा-भणी । चारित्र लीधर साचउ सनेह पालिवा-भणी | सांझइ पाछउ वलिउ घर-भणी । दूत मोकलिउ स्नेह - लगइ ं । पारणउ न करइ माया - लगी ( ? ) । चारित्र लोधउ सहस्र क्षत्रियकुमार - साथि । एह नाम तेह-भणी पडिउ परमार्थ - इतु । करावि ऋषि - पाहइ । २५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002655
Book TitleSilopadesamala Balavbodh
Original Sutra AuthorMerusundar Gani
AuthorH C Bhayani, R M Shah, Gitaben
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1980
Total Pages234
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size14 MB
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