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169.12 गुरुजणाणुवर्ण
170.17
171.27
172.2 तीय निकाइयस्स
172.14 नीणी बह (?) 172.17 एवं च ... कत्थ वि ( ? ) 1
173.7
अदेसिऊण 174.16-17 वपूरा ( ? )
विजवायणय (?) की रई कुलायइ
174.18 तओ में अवक्कमे । मया 174.25 दणुय.
177.8
Vasudevahimdi : Majjhima-khamda
190.23
183.7-8 अच्छोणि... मिस च ॥
191.17 उगमे(?) गहेदु ति 195.13 भूषण - सद्दावितो 197.15 अणुयाए
204.2 कदक्खणा
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175.5
यच्छय
175.15 मध्प ( ? ) पाठ (? बाढ ) ति य (?) ह Emend as मया बाट ति भणियं । सह तेण ... तेण ..
175.19-20 अईदिक्खा (? अईक्का) मेता भ(ई) टिक्खा (का)मेशा 176.8
अस्सणि देवाण
बहुओ य (?)
177.23 -म (१ण ) यणं जणा भरणा 179.17 सिद्धो नाम समारूढा । 181.3 णक्वं
May be emended as गुरु-जणा शुण्णयनं Emend as विज्जे [0]यणय कीरह Emend as कुलाइई
'with those belonging to her विद्या-निकाय. '
नीज्जिह
This seems here to be quite out of context.
= Sk. अनुद्दिश्य
Read a in light of the variant धपू
Emend as तओ सम्मं अवक्कमेड मया This should be read as घणय ( = Sk. धनद)
= Sk. प्रदर्शित
Read अस्सणि देवाण' = ' अश्विनिकुमार among the gods.'
Instead of aga there should be something like बहुपह मंजणा भरणा
सिद्धो नाम [ मिलिओ ] समारूढो । This should it be
लक्ष्मान ?
See Hemacandra
read-लक्ख' =
आयई लायहा लायणई, बाईसरइ न भंति । अप्पिए दिइ मउलिअहिं, पिए दिड विहसंति ॥ Metre is defective here. Perhaps we should read तिभुवण. Emend as उग्गम गहेदु त - भूमण [सद्द ] सद्दावितो
?
= Sk. कृतक्षणा Somehow it is to be taken in the sense of
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