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अनंतहंसकृत ईडर चैत्यपरिपाटी
२२३ अंबा जंबू अंबिलीअ करणीय नारिंगी, बेजुरी नालिअरि पूर केतकीअ सुरंगी, राजकुंअरि क्रीडा करंति नयणडे कुरंगी, नवयोवनि नवनवीअ रंगि ओढणि नीरंगी, राजभवन रूलीआमणां पेखी पुहता जाम, जिनमंदिरि हिविईं जाइई ए निरमालडी ए हीअडलं हरखिउं ताम. १८ सविहुं पासे सिह श्रेणि जिनदेहरी केरी, प्रहि उठी जिणनमण काजि जण आवइ सेरी; आठ पुहुर सुणीइ सुसाद दडदडीअ नफेरी. कलसदंड घंटा निनाद वाजइ जस-भेरी, धजपताक ए ईम भणई ए सांभलिज्यो सहु लोक, जेहिं युगादि न भेटीउ ए निरमालडी ए तेहनुं जीविउं फोक. १९ धन धन ते नर पुण्यवंत किअ अविचल ठाम, सुप्रभाति जिह्वा पवित्र करूं लेइ तसु नाम, वच्छराज पहिलु उद्धार, बीजउ कुंअरपाल, त्रीजउ साह गोविंदराजि चउपट चउसाल, चंपक साहि कराविउ ए चोथउ जीरण-उद्धार, ऊलट हिअडु उल्लसिउ ए निरमालडी ए देखी सीह-दूआर. २० पहिलु प्रथमारंभ पोली पावडीए चडीई, पणमिअ पढम जिणंदचंद आपद दडवडीइ, रंगमंडप रंगनु ठाम गुरूई गुंहलीअ, थंभि थंभि दीसईं सुरंग पोढी पूतलीअ, वीणा वंश वजावती करती नाटारंभ, नयणे हरिण हरावती ए निरमालडी ए जिसीअ तिलोत्तम रंभ. २१
वस्तु वावि सुंदर वावि सुंदर कूप आराम, राजभवन अति रूअडां राजपोलि प्राकार सोहई, सरणाइ ससुर सरि मदनभेरि रिव जगत्र मोहई; खिपनिक वसही नेमिजिण निरखी पुहता बारि, रंगमंडप रंगिं करी रास रमई नरनारि. २२
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