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कुण्ड में गिरने से गीदड़ का शरीर नीले रंग में रंग गया था । जंगल के जानवर उससे पूछते-तेरा यह रूप-रंग कैसे बदल गया ?
"जंगल के सब प्राणियों ने मिलकर मुझे खसद्रुम नामक राजा नियुक्त किया है। अब तुम सबको मेरी आज्ञा का पालन करना होगा".--गीदड़ जवाब देता है ।
जंगल के जानवर उसे राजा समझ, उसका आदर करने लगे ।
वे एक हाथी पकड़कर लाये । खसद्रुम उसपर सवारी कर शान के साथ जंगल में घूमने लगा।
___ एक दिन रात के समय सब गीदड़ हाउ-हाउ कर रहे थे। खसद्रुम भी उनकी आवाज में आवाज मिलाकर 'हाउ-हाउ' करने लगा।
हाथी को जब यह मालूम हुआ तो उसने अपनी सूंढ में लपेट उसे मार डाला !'
। घण्टीवाला गीदड एक बार किसी किसान के खेत में ईख की अच्छी फसल हुई। खेत में गीदड आने लगे।
किसान ने सोचा कि इस तरह तो ये गीदड़ सारा ईख खा डालेंगे, अतएव खेत के चारों ओर एक खाई खुदवा देनी चाहिए।
एक दिन एक गीदड़ खाई में गिर पड़ा। किसान ने उसे खाई में से निकलवा, उसके कान-पूंछ काट, व्याघ्र की खाल उढ़ा, गले में एक घंटी बाँध, उसे छोड़ दिया ।
गीदड़ जंगल में भाग गया। उसके साथी उसे देख भय के मारे भागने लगे ।
रास्ते में उन्हें भेड़िये मिले । भेड़ियों के पूछने पर उन्होंने कहाविचित्र शब्द करता हुआ कोई अद्भुत प्राणी दौड़ा आ रहा है, भागो ।
भेड़िये भी भागने लगे।
आगे चलकर व्याघ्र मिले । वे भी डर के मारे उनके साथ भागने लगे । कुछ दूरी पर चीते मिले । वे भी इनके साथ हो गये।
मार्ग में एक सिंह बैठा हुआ था । जानवरों को भागते देख उसने उनके भांगने का कारण पूछा । उन्होंने कहा--कोई अद्भुत प्राणी पीछा कर रहा है । बचने का कोई उपाय नहीं । १ बदन्कल्पभाष्य और वृत्ति. उद्देश १.३२५१; व्यवहारभाष्य ३.२७। पंचतंत्र (मित्रभेद)
में गीदड का नाम चंडरव है । जंगल के जानवरों से वह कहता है कि ब्रह्मा ने उसे जंगल का ककुद्रुम राजा बनाया है। हाथी का यहाँ नाम नहीं है।
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