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________________ रहे थे। स्कंदिल ने किसी आदमी से पूछा-क्या यह इस देश का रिवाज है कि सभी लोग वीणा का व्यापार करते हैं। . ____ उसने उत्तर दिया-चारुदत्त श्रेष्ठी की परम रूपवती कन्या गंधर्वदत्ता गंधर्ववेद में पारंगत है। गंधर्वविद्या में अनुरक्त ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य उसे प्राप्त करने के लिए जी-जान से प्रयत्नशील हैं। इस विद्या में जो विजयी होगा, वह उसे पायेगा । प्रत्येक महीने विद्वत्सभा में प्रतियोगिता आयोजित की जाती है । कल प्रतियोगिता का दिन था, अब फिर से एक महीने बाद होगी। पता लगा कि सुग्रीव और जयग्रीव नामक गंधर्वविद्या के महान् पंडित वहाँ रहते हैं। सुग्रीव के घर पहुँच, स्कंदिल मूर्ख की भाँति विलाप करने लगा। उसने अपना परिचय देते हुए निवेदन किया कि वह गंधर्वविद्या सीखने के लिए आया है। उपाध्याय ने उसे मूर्ख कहकर उसकी अवज्ञा की। स्कंदिल ने ब्राह्मणी को प्रसन्न करने के लिए उसे रत्नों के कड़े भेट किये। ब्राह्मणी ने आश्वासन दिया कि उसे भोजन, वस्त्र और रहने-सोने की चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं। स्कंदिल ने गंधर्वविद्या सीखने की बात दोहरायी। __ब्राह्मणी ने अपने पति से उसे विद्या सिखाने की सिफारिश की । उपाध्याय ने कहा—वह वज्रमूर्ख है, विद्या क्या सीखेगा ? ब्राह्मणी ने उत्तर दिया-हमें मेधावियों से क्या लेना-देना । यह देखों, यह कडा ! __तुम्बुरन और नारद की पूजा की गयी और विद्यार्थी को एक वीणा दे दी गयी। उसे बजाने को कहा गया । किन्तु उसके करस्पर्श से आहात होकर वह टूट गयी। उपाध्याय ब्राह्मणी से कहने लगा--देख ली अपने पुत्र की कला ! ब्राह्मणी ने कहा-इसकी तंत्रियां पुरानी और कमजोर थीं, दूसरी स्थूल तंत्रियों वाली वीणी मंगाकर दो। धीरे-धीरे सब सीख जायेगा । शिष्यों ने वीणा में स्थूल तंत्रियां लगाई । उपाध्याय ने धीरे-धीरे बजाने को कहा । उसे एक गीत बजाने को दिया। शिष्यों से स्कंदिल ने पूछा --- क्या वह इभ्यकन्या इस गीत को जानती है ? उत्तर मिला ---नहीं । वसुदेव ने कहा -- तो इस गीत से मैं उसे जीत लूंगा । शिष्य हँसने लगे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002634
Book TitlePrakrit Jain Katha Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1971
Total Pages210
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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