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________________ भूमिका राने ते बहार बीजे क्यांय सूइ रह्यो. योजना मुजब मोटा भाईओए खूडेहना घरने बाळी नाख्यु. अने ज्यां त्यां कोलसाना ढगला कर्या. खूडे हे आवी पोतानी एक गाय उपर राख अने कोलसानी गुण मूकी वेचवाना बहाने बजारमा जई युक्तिपूर्वक एक रूपिया भरेली गुण साथे अदलाबदली करी घरे आव्यो अने सवारे भाईओनी बहुओ सांभले तेम रूपिया भरेली गुण खाली करी रूपिया गणवा लाग्यो. पछी एक भाभीने त्यांथी त्राजवा मंगावी तेनी नीचे एक रूपियो चोंटाडी दीधो, अने पछी पार्छ मोकल्यु. आ जोई मोटा भाईओ विचारमा पडी गया के नानो आटलु बधुं धन लाग्यो क्याथी के जेने तोलवा माटे त्राजवानी जरूर पही? मोटा भाईओए तेनी पासे जईने आ बाबत विषे पूछयुं, त्यारे खूडेहे का, 'मार घर बळी गयु अने खूब कोलसा-राख मळया. थोडे दर एक गाममां कोलसानी खूब किंमत उपजे छे. लोको एक कोलसानी गुणने बदले एक गुणी भरीने रूपिया आपे छे. हु तमने पण तमारा घर बाळी मूकवानी सलाह आपुंछ अने पछी तेना कोलसा लई बाजुना गाममां जई बूम मारजो के, "कोलसाथी भरेली गुणीनी किंमत तेवही ज मोटी गुणी भरीने रूपिया छे !' त्यारबाद ते प्रमाणे मोटा भाईओए कयु अने पोतानां घर बाळी मार्या अने गुणो भरीने कोलसा लीघा अने बोजुना गाममां जई खूडेहना कहेवा मुजब बूमो मारवी शरू करी. गामना लोकोए तेमने गांडा गणी, मार मारीने त्यांधी तगडी मूल्या. तेओ निराधार थई गया अने झूपडा बांधी मजुर तरीके खेतरमां काम करवा लाग्या. खूडेह समृद्धिवान थयो, एक सुंदर कन्या परण्यो अने सद्रामा घणु कमायो. त्यार बाद भाईओने साथे-बोलाव्या अने एक पण पाई लीधा वगर धंधामां भागीदार बनाव्या अने सुखेथी रहेवा लाग्या. आम, आ कथामां नानो भाई, ईष्याळु मोटा भाईओना अपकारनेो बदला उपकारथी वाळे छे. आ ज प्रमाणे पेक्युनो जोआओ [Pequeno Joao] कथामां पण ते पोताना दगाबान भाईओना अपकारने बदले ऊंचो दरज्जो अपावी तेमनु मान वधारे छे. कथानी ढूंकी रूपरेखा आ प्रमाणे छे:' एक राजाने त्रण दीकरा हता. तेमाथी पहेला बे अभण अने मूर्ख हता. ज्यारे त्रीजो पेक्युनो जोआओ विचक्षण गुणवाळो हतो. राजाए जोयु के प्रथम बे पुत्रो नकामा छे त्यारे तेणे ते पुत्रोने अमुक रकम आपी पोतपोतानु फोडी लेवाजण व्यु. आथी श्रीजो सौथी नानो पुत्र पेक्युनो राजाना वारस तरोके रह्यो, परन्तु पेक्युनोए राजानु कह्य मान्यु नहि अने पोताना बे भाईओ साथे चाली नीकळयो. रस्तामा तेओ एक राक्षसना घरमा रातवासो रह्या त्यारे राक्षसनी, सर्वनो कोळियो करी खाई जवानी युक्तिने पेक्युनोए बुध्धि-चातुर्यथी निष्फळ बनावी अने तेनी छ लाल टोपीओ लईने भाईओ साथे बीजा शहेरमां आव्यो. ते शहेरना राजाए आ त्रणेयने उत्तम पुरुषो धारीने सौथी मोटाने कारभारी, बीजाने अध्यक्ष अने पेक्युनोने भरवाड तरीके नोकरीमा राख्या. रोज सवारे पेक्युनो घेटां चारवा जतो, त्यां वांसळी बजावतो. वासळीना सूरथी ए राजानी कवरी आकर्षाइ. तेने पेक्युनोनी टोपी आकर्षक लागी. तेणे पोताना प्रणयनो पेक्युनो पासे एकरार करी छ टोपीओ मेळवी अने पिताने कहीने पेक्युनोने बढती अपावी.. १. 'Karne da PequenoJoao' (Folklore in Salsette)G.F. D'penha जुओ : Indian Antiguary' Vol. XVI P. 327-332. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002633
Book TitlePradyumnakumara Cupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalshekhar, Mahendra B Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1978
Total Pages196
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size9 MB
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