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प्रद्युम्नकुमार-चुपई
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आविउ साम्हउ आणंद धरी पायकसिउं पायक रणि भडइ राउतसिउं राउत रणि जडइ
रहवरसिउ रहवर संग्राम त्रूटइ कूटइ मुंड रुलइ ताम (सवररायनी कनकमाला पासे त्रण विद्यानी मागणी)
हारिउ तिहां जिमसंवरराय चतुरंगसेन दिसोदिसि जाइ विद्याधरराय विलखु थयु रह वाली नगरमांहि गयुं ऊतावलु आविउ स्त्री पासि मागी विद्या मनह उल्हासि निसुणि वयण अकुलाणी बाल जाणे2 ते वज्रहणी ततकाल स्वामी ते विद्या लेई गयुं इणि वचनि राय विलखु थयु
सयर3 विलू रिउ जव राइ दीठ स्त्रीनइ करि नखि लोही पइंठ (स्त्रीचरित्र)
वस्तु एम नरवय नरवय
सुण्यां जव वयण विद्याधर कारण करइ स्त्रीचरित्र देखीय कंपिउ हुं4 राय इणि भोलविउ मूंहसिउ ते य वलीय जंपिउं प्रेमलबध कारण करी
आपी विद्या तीन हवइ हुँ सिउ उपाय करुं विद्या लेई गयु छीन
चुपई देखी चरित्र बोलिउ ते राय हवइ आविउ मुझ मरणह ठाय स्त्रीतणु जे वेसासह करइ तेय माणस अखूटइ मरइ स्त्रीचरित्र चितइ ते राय तेणि दुखि अति विलखु थाइ जूटुं6 बोलइ जूटुं लवइ निज प्री मेल्हि अवर भोगवइ स्त्रीनइ साहस बिमणु होइ स्त्रीचरित्र नवि जाणइ कोइ स्त्रीनी बुद्धि नीची नितु रहइ उत्तम छोडि नीच संग्रहइ 1. प्रतमां पाठ खूटे छे.. 2. जेणे 3. सांसर 4. है 5. तीत ६. जूं हूं
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