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(3) दसवेयालिय, नामः अन्वर्थकता 139, संकलन :
प्राधार · पूर्वश्रुत 140, दूसरा प्राधार : अन्य
आगम 140, चूलिकाएँ - रतिवाक्या 142, विविक्तचर्या 143, विशेषता : महत्त्व 144, व्य ख्या-साहित्य 144, प्रथम प्रकाशन 144 पिण्डनिज्जत्ति, नाम : व्याख्या 145, कुछ महत्त्वपूर्ण उल्लेख 146, -अोहनिज्जुत्ति, नाम : व्याख्या 147, एक महत्त्वपूर्ण प्रसंग 147, उपधि-निरूपण 148, जिनकल्पी व स्थविरकल्पी के उपकरण 148, साध्वी या प्रायिका के उपकरण 149, व्याख्या साहित्य 150, -पक्खिय सुत्त 150, खामणा-सुत्त 150, वंदित्तुसुत्त 151,
- इसिभासिय 151, (5) नन्दी सूत्र, रचयिता 151, स्वरूप : विषय-वस्तु
151, दर्शन-पक्ष 152, ज्ञानबाद 153, अवधिज्ञान 153, मनः पर्ययज्ञान 156, केवल ज्ञान
157, प्राभिनिबोधिक ज्ञान 158, श्रुतज्ञान 162, (6) अनुयोगद्वार 164, महत्त्वपूर्ण सूचनाएं 165, .. __ अनुमान 166, उपमान 167, प्रागम 168 ।
दस पइण्णग - 168-181 प्रकीर्णकों की परम्परा 168, प्राप्त प्रकीर्णक 170, (1) चउसरण 170, (2) पाउर-पच्चक्खाण, नामः प्राशयः विषय 171, (3) महापच्चक्खाण, नामः अभिप्राय 172, विषय
वस्तु 172,
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