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( 2 ) सूयगडंग, सूत्रकृतांग के नाम 49, सूत्रकृतांग का स्वरूप : कलेवर 49, विभिन्न वादों का उल्लेख 50, दर्शन और प्रचार 51, बौद्धभिक्षु 53 वेदवादी ब्राह्मण 54, आत्माद्वैतवादी 55, हस्ति तापस 55, व्याख्या साहित्य 56,
(3) ठाणांग 56, दर्शन-पक्ष 57, व्याख्या - साहित्य 59, ( 4 ) समवायांग 60, वर्णन क्रम 61,
(5) विवाह - पण्णत्ति 61, वर्णन - शैली 62, जैन धर्म का विश्वकोश 63, अन्य ग्रन्थों का सूचन 63, ऐतिहासिक सामग्री 63, दर्शन - पक्ष 64,
( 6 ) णायाघम्मकहाओ नाम की व्याख्या 65, आगम का स्वरूप : कलेवर 66,
(7) उवासगदसानो नाम : अर्थ 67, आचारांग का पूरक 67,
( 8 ) अंतगडदसाओ नाम : व्याख्या 69,
(9) अनुत्तरोववाइयदसाश्रो नाम : व्याख्या 70, वर्तमान रूप : अपरिपूर्ण, यथावत् 71,
( 10 ) पण्हवागरणाई नाम के प्रतिरूप 71, वर्तमान रूप 71, वर्तमान स्वरूप : समीक्षा 72,
(11) faamga 73,
( 12 ) दिट्टिवाय, स्थानांग में दृष्टिवाद के पर्याय 75, दृष्टिवाद के भेद : उहापोह 76, भेद-प्रभेदों के रूप में विस्तार 76, अनुयोग का तात्पर्य 76,
78-110
उपांग 78, अंग : उपांग : प्रसादृश्य 78, वेदों के
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द्वादश उपांग
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