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आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
[खण्ड:३ वन्दना की, एक ओर बैठ गया । शास्ता ने पूछा- बाहर से कब आये ?"
पंडित व्यापारी बोला-"भंते ! मुझे आये आधा मास व्यतीत हो गया है।" शास्ता बोले-"तो यों इतनी देर कर तथागत की सेवा में कैसे आये ?"
पंडित व्यापारी ने सारी घटना का वर्णन किया। शास्ता बोले-"उपासक! यह न केवल इस जन्म में वंचक व्यापारी है, पहले भी यह वंचक व्यापारी ही था।"
कूट व्यापारी के पूर्व-जन्म की कथा
___पंडित व्यापारी ने शास्ता से जब उसके पूर्व-जन्म की कथा कहने की प्रार्थना की तो शास्ता ने बताया- "पूर्व समय की बात है-वाराणसी में राजा ब्रह्मदत्त राज्य करता था। तब बोधिसत्त्व का अमात्य-कुल में जन्म हुआ। वे क्रमशः बड़े हुए। उस राजा के विनिश्चयअमात्य-मुकदमों का निर्णय करने वाले अधिकारी-"न्यायाधीश के पद पर नियुक्त हुए।" लोहे के फाल चूहे खा गये
तभी की बात है - "दो बनिये, जिनमें एक ग्रामवासी था, दूसरा नगरवासी था, परस्पर मित्र थे। ग्रामवासी बनिये ने नगरवासी बनिये के पास अमानत के रूप में पाँच सौ लोहे के फाल रखे । नगरवासी बनिये ने उन फालों को बेच दिया, उनकी कीमत उगाह ली। जिस स्थान पर फाल रखे थे, वहाँ चूहों की मेंगनियाँ बिखेर दीं। कुछ समय व्यतीत हुआ।" ग्रामवासी बनियां नगरवासी बनिये के पास आकर बोला- "मुझे मेरे फाल दे दो।" नगरवासी धर्त बनिये ने ग्रामवासी बनिये को चूहों की में गनियाँ दिखलाते हुए कहा-"क्या किया जाए तेरे फाल तो चूहे खा गये।"
ग्रामवासी बनियां बोला-'अच्छी बात है, खा गये तो खा गये। चूहों द्वारा खा लिये जाने पर तुम क्या कर सकते हो। यों कहकर वह नहाने के लिए जलाशय की ओर जाने लगा। नगरवासी बनिये के पुत्र को भी अपने साथ ले गया। मार्ग में उसने उस बच्चे को अपने किसी मित्र के घर में बिठा दिया और मित्र से कहा कि ध्यान रखें, यह बालक कहीं जाने न पाए। वह जलाशय पर नहाया। नहाकर अपने मित्र धूर्त बनिये के घर आया।
धूर्त बनिये ने पूछा-"मेरा बेटा कहाँ है ?" बच्चे को चिड़िया उठा ले गई
ग्रामवासी बनियां बोला--"मैं तेरे बेटे को जलाशय के तट पर बिठाकर जल में डुबकी लगा रहा था कि इतने में एक चिड़िया आई, बच्चे को पंजों में उठा लिया, तत्काल आकाश में उड़ गई, मैंने बहुत हाथ पीटे, बहुत चीखा-चिल्लाया, बहुत चेष्टा की, पर चिड़िया से बच्चे को नहीं छुड़ा सका।"
नगरवासी बनियां कहने लगा- "तू झूठा है। चिड़िया कभी बच्चे को उठाकर ले जाती है? ऐसा होता नहीं।'
ग्रामवासी व्यापारी ने उत्तर दिया-"मित्र ! जो भी तुम कहो, असम्भव भी लगे, पर क्या करूं, तेरे बच्चे को तो चिड़िया ही उठाकर ले गई है।"
न्यायालय में मुकदमा
नगरवासी बनियां ग्रामवासी बनिये को धमकाता हुआ बोला-"तू मनुष्य-घातक
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