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________________ तत्त्व : आधार : कथानुयोग) विषयानुक्रम ال م له له سلم لم سه له ل ل ل له لم لم لم له له Mmxxxn कपिल वस्तु का निर्माण महाराज शुद्धोधन सिद्धार्थ और नन्द का जन्म घर्म-चक्र-प्रवर्तन भगवान् बुद्ध कपिल वस्तु में नन्द : काम-भोग-निमग्न भगवान का नन्द के घर मिक्षार्थ आगमन : निर्गमन दासी द्वारा सूचना नन्द द्वारा भगवान् बुद्ध का अनुगमन भगवान को प्रणमन : निवेदन भगवान द्वारा प्रदत्त पात्र नन्द के हाथ वैराग्य-प्रेरणा नन्द की प्रव्रज्या सुन्दरी नन्दा की व्यथा गाड़ी के दो चक्कों के बीच नन्द द्वारा ऊहापोह ६२७ एक भिक्षु द्वारा नन्द को समझाने का असफल प्रयास ६२७ भगवान् से निवेदन ६२८ भगवान् द्वारा नन्द का हाथ पकड़े आकाश-मार्ग से गमन ६२८ कानी वानरी ६२८ कानी वानरी और सुन्दरी नन्दा की तुलना ६२८ परम लावण्यमती अप्सराएँ : नन्द स्तंभित : विमुग्ध प्रज्ञा प्रमार्जन का प्रयोग ६२६ नन्दा और अप्सराओं की तुलना अप्सराओं का शुल्क : तपस्या, धर्माचरण, शील भगवान का नन्द के साथ आकाश से अवतरण ६२६ आनन्द का अनुरोध भोग के लिए धर्माचरण : महज एक सौदा मन बदला, अप्सराएँ मन से निकलीं इन्द्रिय-संयम और वितर्क प्रहाण का उपदेश चिर-अभ्यस्त वासना से विनिर्मक्त प्रवज्या सफल तमसाछन्न जनों को पथ-दर्शन ६३२ www ६२ ६२६ لن لي mmmm لي لي لي لي ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002623
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1991
Total Pages858
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, Conduct, & Story
File Size17 MB
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