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________________ आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन [ खण्ड : ३ कोकालिक की परीक्षा असफलता बोधिसत्त्व हिमाद्रि-प्रदेश में सिंहरूप में शृगाल की चिल्लाहट ६०६ ६१० ६१० ६१२ ६१५ १६. मेघकुमार : सुन्दर नन्द ६११-६३४ मेघकुमार ६१२ राजगृह-नरेश श्रेणिक ६१२ महारानी धारिणी : स्वप्न ६१२ धारिणी का दोहद मेघकूमार का जन्म ६१३ राजसी ठाट के साथ लालन-पालन ६१४ आठ कन्याओं के साथ पाणिग्रहण भगवान महावीर का दर्शन : दीक्षा की भावना ६१४ माता-पिता की खिन्नता : घर में रहने का अनुरोध ६१४ मेघकुमार का दृढ़ संकल्प माता-पिता द्वारा स्वीकृति मेषकुमार की दीक्षा ६१५ दीक्षित जीवन की पहली रात : घबराहट : अधीरता भगवान् महावीर द्वारा उद्बोधन पूर्व-भव : गजराज सुमेरु प्रभु ६१७ भयानक आग ६१७ युवा हाथी द्वारा वैर-स्मरण : दन्त-प्रहार : मृत्यु ६१७ गजयूथपति मेरुप्रभ मण्डल-निर्माण मण्डल का परिष्कार ६१८ दावानल ६१६ खरगोश पर अनुकम्पा ६१६ विपुल वेदना : पित्त-ज्वर : अवसान उत्प्रेरणा ६१६ आनन्दाश्रु, रोमांच, स्थिरता गुणरत्न-संवत्सर-तपः अपर तपः समाधि-मरण ६२० ६१८ ६१८ کن सुन्दर नन्द कपिल गौतम इक्ष्वाकुवंशीय राजकुमार आश्रम में गौतम गोत्र : शाक्य अमिधा ६२१ ६२१ ६२१ ६२१ ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002623
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1991
Total Pages858
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, Conduct, & Story
File Size17 MB
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