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आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
[खण्ड : ३
जगकुमार को विषाद : द्वारिका का परित्याग मदिरा-पान की निषेधाज्ञा सारथि सिद्धार्थ द्वारा प्रव्रज्या कादंबरी गुफा की मदिरा यादवकुमार नशे में पागल द्वैपायन का कोप अग्निकुमार देव के रूप में जन्म द्वारिका-दहन सर्वनाश कृष्ण और बलराम पाण्डव-मथुरा की ओर अच्छदन्त का पराभव कृष्ण को प्यास : बलराम का जल हेतु गमन जराकुमार द्वारा शर-प्रहार भवितव्यता की विडम्बना कृष्ण का प्राणान्त बलभद्र शोक में पागल सिद्धार्थ देव द्वारा प्रतिबोध बलभद्र द्वारा प्रव्रज्या: घोर तप
५४२ ५४२ ५४२ ५४२ ५४३ ५४३ ५४४ ५४४ ५४५ ५४५ ५४६ ५४७ ५४७
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घट जातक
५५२
उरासक को पुत्र शोक
५५२ शास्ता द्वारा उपदेश
५५२ कंम, उपकंस, देवगर्भा
५२२ उपसागर का कंस भोग में आगमन
५५३ देवगर्भा के प्रति आसक्ति न्दगोपा का सहयोग देवगर्भा और उपसागर का सम्बन्ध
५५३ देवगर्भा के दश पुत्र अदला-बदली
५५४ नन्दगोपा के घर पालित-पोषित देवगर्भा के पुत्र ५५४ लूटपाट : डकैती कुश्ती का आयोजन
५५४ दशों भाइयों का कुश्ती-मण्डप में आगमन बलदेव के हाथों चाणूर की मृत्यु
५५५ मुष्टिक का वध वासुदेव द्वारा कंस-उपकंस का वध विजययात्रा द्वारवती को जीतने का उपक्रम तपस्वी कृष्ण द्वैपायन द्वारा मार्गदर्शन
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