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Jain Education International 2010_05
आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
कंस का जन्म
कंस के कुसंस्कार
राजकुमार वसुदेव की सेवा में जरासन्ध का सन्देश
वसुदेव और सिंहरथ का द्वन्द्व युद्ध सिंहरथ बन्दी
कंस और जीवयशा का विवाह
कंस द्वारा मथुरा की प्राप्ति अतिमुक्तक द्वारा दीक्षा कुमार वसुदेव का अनुपम सौन्दर्य
कलाराधना के मिष महल में नियन्त्रित
महल से प्रयाण
पर्यटन
रोहिणी के साथ विवाह
बलभद्र का जन्म
देवकी से पाणिग्रहण
अतिमुक्तक मुनि का मिक्षार्थ आगमन मदहोश जीवयशा का कुत्सित व्यवहार अतिमुक्तक द्वारा भविष्यवाणी
कंस द्वारा वसुदेव-देवकी के सात शिशुओं की मांग
वस्तुस्थिति का ज्ञान : चिन्ता
मृतवत्सा सुलसा
शिशुओं की अदला-बदली
कंस की क्रूरता
देवकी का स्वप्न
कृष्ण का जन्म
कृष्ण नन्द के घर
देवकी का गोपूजा के बहाने गोकुल- गमन
पूतना : दुश्चेष्टा : समाप्ति
यशोदा द्वारा विशेष देखभाल यमलार्जुन
बलराम गोकुल में
कृष्ण उत्कृष्ट शक्ति, द्युति, सुषमा
गोपियों के साथ रास लीला
निमित्तज्ञ द्वारा गणना : शत्रु गोकुल में
सत्यभामा : स्वयंवर कंस का भय
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