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________________ तत्त्व : आचार: कथानुयोग ] बालाहस्स जातक फुटिसक जातक विषयानुक्रम देवी द्वारा अनुकूल-प्रतिकूल उपसर्ग : जिनपालित की स्थिरता जिन पालित परिवार के बीच आर्य : सुधर्मा द्वारा श्रमणों को प्रेरणा १०. बया और बन्दर : कुटिदूसक जातक बया और बन्दर भिक्षु की उत्कंठा : शस्ता द्वारा उद्बोधन सिरीसवत्थु की यक्षिणियाँ व्यापारी यक्षिणियों के चंगुल में ज्येष्ठ व्यापारी की सूझ बादल अश्व के रूप में बोधिसत्त्व बादल अश्व के सहारे बचाव वुद्धोपदेश Jain Education International 2010_05 ११. वासुदेव कृष्ण घट जातक वासुदेव कृष्ण ४८८ कौशल का दम्भ ४८८ अपमान का प्रतिशोध : बये के घोंसले का ध्वंस ४८६ शिक्षा ४८६ ४८३ ४८३ ४८४ यदुवंश-परंपरा उग्रसेन और तापस : भिक्षार्थ आमन्त्रण राजा की व्यस्तता : तापस द्वारा निदान विस्मृति ४८६ दो ४६० 'युवा भिक्षु एक सेवाभावी : एक असहिष्णु ४८६ असहिष्णु भिक्षु को समझाने का उपक्रम असहिष्णु उलुङ्कशब्दक द्वारा विपरीत आचरण ४६० अनाचार-त्याग का शिक्षा ४६१ ४६१ उलुङ्कशब्दक द्वारा तोड़फोड़ : आगजनी ४६१ शास्ता द्वारा प्रेरणा बोधिसत्त्व बये के रूप में ४६२ ४६२ बन्दर को कुटी बनाने की शिक्षा बये का घोंसला चूर-चूर ४६.३ For Private & Personal Use Only xlv ४८४ ४८४ ४८४ ४८५ ४८५ ४८६ ४८६ ४८६ ४८८---४६३ ४६४–५६१ ૪૨૫ ४६५ ४६६ ४६६ ४६७ www.jainelibrary.org
SR No.002623
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1991
Total Pages858
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, Conduct, & Story
File Size17 MB
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