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आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
[खण्ड:३
सार
प्रस्तुत जातक में वणित भेरी परिवाजिका उत्पलवर्णा थी, पिता श्रीवर्धन शुद्धोधन था, माता महामाया थी, अमरा देवी बिम्बसुन्दरी थी, शुक-शावक आनन्द था, चूळनी ब्रह्मदत्त सारिपुत्र था, महौषध तो लोक नायक तथागत ही थे। यह प्रस्तुत जातक का सार है।
१. भेरी उप्पलवण्णासि पिता सुद्धोदनो अहू ।
माता आसि महामाया अमरा बिम्बसुन्दरी ॥३११॥ सुवो अहोसि आनन्दो सारिपुत्तोसि चूळनी। महोसधो लोकनाथो एवं घारेय जातकं ॥३१२।।
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