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तत्त्व : भाचार : कथानुयोग ]
विषयानुक्रम
xxxiii
१२१
पाप से बचो स्वल्प के लिए बहुत को मत गवायो
१२२
१२२
वमन को कौन खाए ?
उत्तराध्ययन : सम्बद्ध घटना विसवन्त जातक : सम्बद्ध वृतान्त
१२२
१२४
१२४
विरोध न करें. दु:खी न बनाएं दुर्वचन सहे, रोष न करें
१२५
यथाकाल कार्य-संपादन
कोसिय जातक: सम्बद्ध घटना अर्णव : सागर के पार रक्षित : अरक्षित काम-विजय गृहि-धर्म ऋजुता : शुद्धि का कारण
१२५ १२६ १२६ १२८ १२६ १३२
बाल-तप धर्म नहीं
१३८
१३६-७२०
३. कथानुयोग
१. मातंग हरिकेशबल : मातंग जातक
१४१-१६३
१४२
मातंग हरिकेशबल
१४१ शंख द्वारा प्रव्रज्या
१४१ सोमदेव पुरोहित तप का प्रभाव जाति-मद चाण्डाल कुल में जन्म
१४२ साँप और गोह
१४३ हरिकेशबल द्वारा दीक्षा
१४३ तपोमय जीवन
१४३ मंडिक यक्ष मनि का भिक्षार्थ यज्ञशाला में गमन : ब्राह्मणों द्वारा तिरस्कार उत्तम क्षेत्र ब्राह्मणकुमारों द्वारा उत्पातः भद्रा द्वारा शिक्षा १४६ यक्ष द्वारा दण्ड
१४७
१४४
१४५
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