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________________ तत्त्व : आचार : कथानुयोग] कथानुयोग-चतुर रोहक : महा उम्मग्ग जातक २८९ उदुम्बरा देवी ने बता दिया हो, पर, सेनक, पुक्कुस आदि का रहस्य भी मैं जानता हूँ। मेरे समक्ष उन्हें किसने प्रकट किया।" महौषध ने सेनक का रहस्य उद्घाटित करते हुए कहा-"सेनक ने शालवन में जो अशिष्ट, निन्ध कुकर्म किया, वह उसने एकान्त में अपने मित्र के समक्ष प्रकट किया। मैंने उसे भी सुन लिया।" राजा ने सेनक की ओर देखा और उससे प्रश्न किया-"क्या यह सच है, जो महौषध कह रहा है ?" सेनक- "राजन् ! यह सच है।" राजा ने आरसि-जनों को आदेश दिया कि सेनक को कारागार में डाल दिया जाए। उन्होंने आदेश का पालन किया। महौषध पण्डित ने पुक्कुस का भेद खोलते हुए कहा--"पुक्कुस की देह में-जंघा पर कोढ़ है । इसने एकान्त में अपने भाई के समक्ष यह रहस्य प्रकट किया, पर, मैंने उसे सुन लिया।" राजा ने पुक्कुस की ओर देखा और उससे पूछा-"क्या महौषध का कथन सत्य है ?" पुक्कुस बोला- "हां, राजन् ! यह सत्य है।" राजा ने यह सुनकर उसे भी जेलखाने में भिजवा दिया । तब महौषध पण्डित ने काविन्द पण्डित का रहस्य खोलते हुए कहा-"काविन्द नरदेव नामक यक्ष की आबाधा से ग्रस्त है—इसको यक्ष की छाया आती है । इसने एकान्त में अपने पुत्र के समक्ष यह प्रकट कर दिया। उसे भी मैंने सुन लिया।"३ राजा ने काविन्द से पूछा- क्या यह सच है ? " काविन्द बोला-"हाँ, राजन् ! यह सच है।" यह सुनकर राजा ने काविन्द को भी जेल भेज दिया। तत्पश्चात् महौषध ने देविन्द का रहस्य उद्घाटित करते हुए कहा-"राजन् ! शक्र ने आपके पितामह को जो अष्टवक्र मंगल-मणि उपहृत की थी, वह इस समय देविन्द के हस्त १. यं साक्तवनस्मि सेनको, पापकम्मं अकासि असष्मिरूपं । सखिनो व रहोगतो असंसि, गुय्हं पातुकतं सुतं ममेतं ॥ ७४॥ २. पुक्कुस पुरिसस्स ते जनिन्द ! उप्पन्नो रोगो अराजयुत्तो। भातुच्च रहोगतो असंसि, गुरहं पातुकतं सुतं ममेतं ॥ ७५॥ ३. अबाधोयं असष्मि रूपो, काविन्दो नरदेवेन फुट्ठो। पुत्तस्स रहोगतो असंसि, गुय्हं पातुकतं सुतं ममेतं ॥ ७६ ॥ ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002623
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1991
Total Pages858
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, Conduct, & Story
File Size17 MB
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