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________________ भाषा और साहित्य | आर्ष (अर्द्धमागधी) प्राकृत और आगम वाङमय [ ४०९ कान्तारागारों-मुसाफिर खानों में, बगीचे में बने मकानों में, नगर में, खण्डहरों में, वृक्ष के नीचे प्रवास करते हुए तेरह वर्ष तक इस प्रकार तपस्या-लीन निश्चलचेता, अहनिश अप्रमत्तरूपेण संयम में उद्यत रह किसी प्रकार की शंका न करते हुए समाधिपूर्वक धर्मशुक्ल-ध्यान में संलग्न रहे। নিরা-সিথ ী অথঙ পাখনা कदाचित् निद्रा पाती, तो वे उत्थित होकर अपने को जागृत करते । अब मैं सौ जाऊ; इस भाव से भगवान् ने कभी शयन नहीं किया। निद्रा मिटाने के लिए वे सीधे तनकर बैठते । शीतकाल की कड़कड़ाती सर्दी में रात्रि में बाहर निकल कर मुहूर्त भर भ्रमण करते, पुनः ध्यानस्थ हो जाते। परिषह की उदीरणा कर प्रमाद को हटाते । सूने घरों में उपसर्ग ___ उन्हें सूने घरों में ध्यानस्थ देख वहां छिपने या गुप्त कार्य करने के लिये आये हुए दुराचारी-इस शंका से कि इसने हमें देख लिया है, किसी से कह देगा, उन्हें कष्ट देते । कभी ग्राम-रक्षक (सिपाही) अपने शस्त्रों द्वारा उन्हें त्रास देते। জিননী দুথ অণহী এহ নিথ उनकी मनोहर मुख-मुद्रा देख मुग्ध हुई स्त्रियां व पुरुष उन्हें उपसर्ग (कष्ट) करते । कभी दिन व रात में किसी निर्जन स्थान में कायोत्सर्ग में स्थित भगवान् को चोर, जार तथा अन्य लोग पूछते-तुम कौन हो? क्यों खड़े हो ? उत्तर न पाकर, क्रुद्ध होकर वे उन्हें पीटते । भगवान् जब ध्यान में नहीं होते, तो किसी के पूछने पर उत्तर देते-मैं भिक्षु हूं। यदि वह क्रोध से भर वह स्थान छोड़ने के लिए कहता, तो वे उसे छोड़ देते । शिशिर में जब लोग शीत से थर-थर कांपते, अन्य तीर्थी साधु आग सुलगाते, गर्म कम्बल प्रादि खोजते, हवा न पा सके, ऐसा बन्द स्थान ढूढते, दो-तीन वस्त्र धारण करने का सोचते, तब भगवान् वृक्ष प्रादि के नीचे शीत सहन करते । ___ वे तृण के तीक्ष्ण स्पर्श, शीत, ऊष्मा तथा डांस, मच्छर आदि के डंक समभाव से सहते। ला आदि में उपसर्ग दुर्गम लाढ देश, वज्रभूमि और शुभ्रभूमि नामक स्थानों में जब भगवान् विचरते, ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002622
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherArhat Prakashan
Publication Year1982
Total Pages740
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Literature
File Size14 MB
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