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Jain Education International 2010_05
विचारणीय पहलू
प्राचार्य रत्ननन्दी का अभिमत
अर्द्ध फालक मत से श्वेताम्बर
ऊहापोह
एकाधिक भद्रबाहु
दिगम्बर परम्परा में भद्रबाहु
प्रथम भद्रबाहु
द्वितीय भद्रबाहु
भद्रबाहु : गुप्तगुप्ति : चन्द्रगुप्ति
तृतीय भद्रबाहु
श्वेताम्बर-परम्परा में भद्रबाहु : प्रथम
द्वितीय भद्रबाहु
श्राचार्य भद्रबाहु : कुछ ऐतिहासिक तथ्य
तित्थोगालीपइन्ना
दुःषमाकालश्री श्रमरणसघस्तव की काल-गणना
भ्रान्ति का एक कारण
विद्वानों द्वारा ऊहापोह
सारांश
दो दृष्टिकोण
आचारांग : अचेलकता : निर्वस्त्रता
लज्जा - निवृत्ति हेतु कटिबन्ध का स्वीकार
अभिप्रेत
एक शाटक : वस्त्र का प्रसंग
दो वस्त्रों का प्रसंग
तीन वस्त्रों का प्रसंग
वस्त्रषणा
उत्तराध्ययन में अचेलक : सचेलक
तात्पर्य
पार्श्व - परम्परा : महावीर-परम्परा
केशी और गौतम का मिलन
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