________________
३२
विषयानुक्रम
३८१
३८७
दक्षिण जाने की कल्पना भद्राबाहु द्वारा पूर्वो की वाचना प्रथम वाचना के अध्यक्ष या निर्देशक ? प्राचार्य भद्रबाहु : दिगम्बर मान्यता वृहत्कथाकोश विशाखाचार्य का दक्षिण-गमन भद्रबाहु चरित्र आकाशवाणी कन्नड़ ग्रन्थ राजावली संघाधिपत्य
प्राचार्य भद्रबाहु का स्वर्गवास आचार्य स्थूलभद्र
देहावसान पूर्व-विच्छेद-काल दिगम्बर-मान्यता तुलनात्मक पर्यवेक्षण
ग्यारह अंग : विद्यमानता : विच्छिन्नता आगमों में अनुयोग
अनुयोग का अर्थ अनुयोग के प्रकार अनुयोग : अपृथक्ता आर्य रक्षित द्वारा विभाजन आगम : अनुयोग : सम्बन्ध
दिगम्बर-ग्राम्नाय में अनुयोग द्वितीय आगम-वाचना
माथुरी वाचना बारह वर्षों का भीषण दुर्भिक्ष वालभी वाचना एक ही समय में दो वाचनाएं ? तृतीय वाचना
५० mmmmmmmmmmmmm m m m m r r m mr m m mmm r r m
३९१
३९२
३९२
३९४
३९४
३९६ ३९६ ३९६ ३९७ ३९८
____Jain Education International 2010_05
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org