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आगम और त्रिपिटक : एक अनुशोलन
[ खण्ड : २
उत्तरी राजस्थान तक इनकी अवस्थिति के सम्बन्ध में राजस्थान जिला गैजेटियर, चूरू में उल्लेख किया गया है : " कहा जाता है कि प्राचीन काल में चूरू जिले के समीपवर्ती गंगानगर जिले के भू-भाग में सरस्वती और दृषद्वती नामक नदियां बहती थीं, जिनसे राजस्थान के इस क्षेत्र में आर्यों की उपस्थिति प्रमाणित होती है ।
गंगानगर जिले के रंगमहल, काली बंगा, बडोपाल तथा नोहर आदि स्थानों में पुरातत्व की दृष्टि से जो खुदाई हुई है, उससे प्रकट होता है कि सिन्धु घाटी की सभ्यता इस क्षेत्र तक फैली हुई थी । ""
दोनों नदियां आज प्राप्त नहीं हैं। सरस्वती के सम्बन्ध में एम० मोनियर विलियम ने संस्कृत-अंग्रेजी शब्द-कोश में उल्लेख किया है : "एक सुप्रसिद्ध छोटी नदी, जिसे हिन्दू पवित्र मानते हैं, जो आज 'सुरसुती' से पहचानी जा सकती है और जो दृषद्वती के साथ आयं देश और उसके एक मण्डल ब्रह्मावर्त का सीमांकन करती है। 2
ॠग्वेद ७,९५, २ में बताया गया है कि यह नदी समुद्र में मिलती है। पर, उत्तरवर्ती किंवदन्तियों के अनुसार यह भूमि में लुप्त हो जाती है और इलाहाबाद में गंगा और यमुना में मिल जाती है ।"
1. We are told that in the ancient times two Vedic rivers-Saraswati and Drishadwati flowed in the contiguous areas of the district i. e., in Ganganagar, which testifies to the presence of the Aryans in this part of Rajasthan.
Recent archaeological excavations, carried out in the adjoining district of Ganganagar at Rangmahal, Kalibanga, Bedopal Nohar etc. indicate that the Indus valley civilization extended upto this area.
-Rajasthan District Gazetter, Churu, P. 15.
2.
Manusmriti ; 2117
3. N. of well-known small river ( held very sacred by the Hindus; identified with the Modern Sursooty, and formerly marking with the Drishadavati one of the boundaries of the region Arya-Desha and of the sacred district called Brahmavarta ( See Mn. II, 17 ); in R. V. VII 95, 2; this river is represented as flowing into the sea, although later legends make it disappear underground and join the Ganges and Jumna at Allahabad,
Sanskrit-English Dictionary by Sir Monier-Williams M.W.A; K. C. I.E.
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