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________________ ६०८ आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन [खण्ड : १ ८६. Trisastisalakapurusacarira (4vol.) : Tr. by H. M. Johnson, Pub. by Gaekvad Oriental Series, Baroda. 1930 ८७. Uvasagdasao (2 Parts): Tr. 4. Ed. by A. F. Rudolf Hoernle, Pub. Bibliotheca Indica, Calcutta, 1888-1890 त्रिपिटक-साहित्य ८८. अंगुत्तर निकाय (हिन्दी अनुवाद) (भाग, १, २) : अनु० भदन्त आनन्द कोस . ल्याययन, प्र० महाबोधि सभा कलकत्ता, १९५७-१९६३ ८६. अंगुत्तर निकाय अटुकथा (मनोरथपूरणी) : आचार्य बुद्धघोश, सं० हर्मन कोप, प्र. . पालि टेक्स्ट सोसायटी के लिए ल्युझाक एण्ड कम्पनी, लन्दन, १६२४-१९५६ १०. मंगुत्तर निकाय पालि (त्रिपिटक) (४ खण्ड): सं० भिक्षु जगदीश कास्यप, प्र० ____पालि प्रकाशन मण्डल, नवनालन्दा महाविहार, नालन्दा, बिहार राज्य, १९६० ६१. अनागत-वंश : सं० मेनयेफ, प्र० जर्नल ऑलि टेक्स्ट सोसायटी, १८८६ ६२. अपदान पालि (खुद्दक निकाय खण्ड ६, ७ के अन्तर्गत) (त्रिपिटक) (२ खण्ड): सं० भिक्षु जगदीश कास्यप, प्र० पालि प्रकाशन मण्डल, नवनालन्दा महाविहार, नालन्दा, बिहार राज्य, १९५६ ६३. अवदान कल्पलता (बौद्ध संस्कृत ग्रन्थ) (२ खण्ड) : क्षेन्मेन्द्र सं० शरत्चन्द्रदास और पं० हरिमोहन विद्याभूषण, प्र० बिब्लिओथेका इण्डिका, कलकत्ता, १८८८ १४. अवदान-शतकम् (बौद्ध संस्कृत ग्रन्थावली-१६) : सं० डॉ० पी० एल० वैद्य, प्र. मिथिला विद्यापीठ, दरभंगा, १९५८ ६५. इतिवुक्तक पालि : सं० भिक्षु जगदीश कास्यप, प्र. पालि प्रकाशन मण्डल, नवनालन्दा महाविहार, नालन्दा, बिहार राज्य, १९५६ ६६. इतिवुत्तक (हिन्दी अनुवाद) : अनु० भिक्षु धर्मरक्षित, प्र. महाबोधि समा, सार नाथ, १९५५ ६७. उदान अट्टकथा (परमत्थदीपनी) : आचार्य धम्मपाल, प्र० पालि टेक्स्ट सोसायटी लन्दन, १९२६ १८. उदान पालि : सं० भिक्षु जगदीश कास्यप, प्र. पालि प्रकाशन मण्डल, नवनालन्दा महाविहार, नालन्दा, बिहार राज्य, १९५६ ६६. उदान (हिन्दी अनुवाद) : अनु० भिक्ष जगदीश कास्यप, प्र. महाबोधि सभा, सारनाथ, १६३८ । १००.गिलिंगट मैनस्किप्ट्स (विनयवस्तु) (बौद्ध संस्कृत ग्रन्थ) (३ खण्ड' : सं०डॉ. नलिनाक्ष दत्त, प्रो. डी० एम० भट्टाचार्य तथा विद्यावारिधि पं० शिवनाथ शर्मा, श्रीनगर, कश्मीर १६४२ ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002621
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1987
Total Pages744
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & History
File Size15 MB
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