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इतिहास और परम्परा] परिशिष्ट-४ : प्रयुक्त-ग्रन्थ
६०६ १०१. जातकट्टकथा पालि (प्रथम भाग) : आचार्य बुद्धघोष, सं० भिक्षु धर्मरक्षित, प्र.
मारती ज्ञानपीठ, बनारस, १९५१ १०२. जातकट्ठकथा (७ खण्ड) : आचार्य बुद्धघोष, सं० वी० फाउसबोल, लन्दन १८७७
१८९७ १०३. जातक (अट्ठकथा सहित हिन्दी अनुवाद) (खण्ड १ से ६) : अनु० भदन्त आनन्द
कौसल्यायन, प्र० हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग १६५६ १०४. जातक पालि (त्रिपिटक) : सं० भिक्षु जगदीश कास्यप, प्र० पालि प्रकाशन मण्डल,
नवनालन्दा महाविहार, नालन्दा, बिहार राज्य, १६५६ १०५. थेरगाथा पालि (परमत्थदीपना) (२ खण्ड) : आचार्य धम्मपाल, सं० एफ० एल०
वुडवार्ड,प्र० पालि टेक्स्ट सोसायटी के लिए ल्युझाक एण्ड कम्पनी, लन्दन १९४०
१६५६ १०६. थेरगाथा पालि (त्रिपिटक) (खुद्दक निकाय खण्ड २ के अन्तर्गत) : भिक्षु जगदीश
कास्यप, प्र० पालि प्रकाशन मण्डल, नवनालन्दा, महाविहार नालन्दा, बिहार
राज्य, १९५६ १०७. येरगाथा (हिन्दी अनुवाद) : अनु० भिक्षु धर्मरत्न, एम० ए०, प्र. महाबोधि सभा,
सारनाथ, बनारस, १९५५ १०८. थेरीमाथा अट्ठकथा (परमत्थदीपनी) : आचार्य धम्मपाल, सं० ई० मूलर, प्र.
पालि टेक्स्ट सोसायटी, लन्दन, १८६३ १०६, थेरीगाथा पालि (त्रिपिटक) (खुद्दक निकाय खण्ड २ के अन्तर्गत) : सं० भिक्ष
जगदीश कास्यप, प्र० पालि प्रकाशन, नवनालन्दा महाविहार, नालन्दा, बिहार
राज्य, १९५६ ११० थेरीगाथा (हिन्दी अनुवाद) : अनु० भरतसिंह उपाध्याय, प्र० सस्ता साहित्य
मण्डल प्रकाशन, दिल्ली, १९५० १११. दिव्यवादान (बौद्ध संस्कृत ग्रन्थावली-२०) : सं० डॉ० पी० एल० वैद्य, प्र०
मिथिला विद्यापीठ, दरभंगा, १९६० ११२. दीघनिकाय अटकथा (सुमंगलविलासिनी) (३ खण्ड) : आचार्य बुद्धघोष, प्र०
पालि टेक्स्ट सोसायटी, लन्दन १८८६-१९३२ ११३. बीघनिकाय पालि (त्रिपिटक) (३ खण्ड) : सं० भिक्षु जगदीश कास्या, प्र० पालि
प्रकाशन मण्डल, नवनालन्दा महाविहार, नालन्दा, बिहार राज्य, १६५८ ११४. दीघनिकाय (हिन्दी अनुवाद) : अनु. राहुल सांकृत्यायन, प्र० महाबोधि सभा,
सारनाथ, बनारस, १६३६ ११५. दीपवंश (सिलोनी पालि ग्रन्थ) : सं० और अनु० ओल्डनबर्ग, प्र० विलियम्स एण्ड
नोर्गेट, लन्दन, १८७६
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