________________
इतिहास और परम्परा] परिशिष्ट-४ : प्रयुक्त-ग्रन्थ
६०७ ७१. व्यवहार सूत्र सभाष्य (जैन आगम) : मलयगिरि वृत्ति सहित, सं० मुनि माणोक,
प्र० वकील त्रिकमलाल अगरचन्द, अहमदाबाद, १९२८ । ७२. षत्खण्डागम (धवला टीका) : आचार्य वीरसेन, सं० हीरालाल जैन, प्र० सेठ
सितावराय लखमीचन्द, अमरावती (बरार), १९४१-५७ ७३. समवायांग सूत्र (जैन आगम) : अभयदेव सूरि वृत्ति सहित, सं० मास्टर नगीन
दास नेमचन्द, प्र० सेठ माणेकलाल चुन्नीलाल, कान्तीलाल चुन्नीलाल, अहमदा
बाद, १९३८ ७४. सूत्रकृतांग सूत्र (जैन आगम) : शीलांकाचार्य वृत्ति सहित, सं० पन्यासप्रवर
श्रीचन्दसागर गणि, प्र० श्री गौडीजी पार्श्वनाथ जैन देरासर पेडी, बम्बई, १९४६ ७५. सूत्रकृतांग सूत्र (सटीक हिन्दी अनुवाद सहित) : अनु० पं० अम्बिकादत्त ओझा, ___व्याकरणाचार्य, प्र० श्री महावीर जैन ज्ञानोदय सोसाइटी, राजकोट, १९३८ ७६. सूत्रकृतांग सूत्र (हिन्दी अनुवाद) : अनु० राहुल सांकृत्यायन, प्र० सूत्रागम प्रकाशन
समिति, गुडगांव (केण्ट), पंजाब, १९६१ ७७. सेन प्रश्न (प्रश्न रत्नाकराभिध : श्री सेन प्रश्न) : संग्रहकर्ता-श्रीशुभविजय गणि,
प्र० देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फण्ड, बम्बई, १६१८ ७८. सौभाग्यपंचम्यादि पर्वकथा संग्रह : क्षमाकल्याण कोपाध्याय, प्र. हिन्दी जैनागम
प्रकाशक सुमति कार्यालय, कोटा, १६३३ ७६. स्थानांग सूत्र (जैन आगम) : अभयदेव सूरि वृत्ति सहित, प्र. आगमोदय समिति,
सूरत, १९२० ८०. स्थानांग समवायांग (गुजराती अनुवाद) अनु० दलसुख मालवणिया, प्र. गुजरात
विद्यापीठ, अहमदाबाद, १९५५ ८१. हरिवंश पुराण : जिनसेन सूरि, सं० पं० पन्नालाल जैन, प्र० भारतीय ज्ञानपीठ,
काशी, १९६३ ८२. Antagaddosao Tr. by L. D. Barnett, London, 1907 ८३. Avasyaka Erzeulang(German Translation of Avasyaka katha):
Tr. by Ernst Leumann, Leipzig, 1897 .. ८४.Gaina Sutras, part I (Acharanga Sutra & Kulpa Sutra): Tr. by
Dr. Hermann Jacobi, Pub. Sacred Books of the East series,
vol. XXII, Orford, 1884 ८५. Gaina Sutras, Part II (Sutrahritang Sutra & Uttradhyana Sutra):
Tr. by Dr. Hermann Jacobi, Sacred Books of the East series, vol. XLV, Oxford, 1899
Jain Education International 2010_05
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org