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आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
[खण्ड : १
समीक्षा आगम साहित्य में नालन्दा की दुभिक्ष-स्थिति का कोई उल्लेख नहीं है।
प्रस्तुत प्रकरण से इतना तो स्पष्ट होता ही है कि महावीर और बुद्ध एक ही काल में अपनी-अपनी भिक्षु-परिषद् सहित नालन्दा में थे। यहाँ यह आशंका भी होती है कि जब प्रामीण बुद्ध का शरणागत उपासक हो गया था, तो पुनः वह कैसे निगण्ठ नातपुत्त का श्रावक बताया गया है।
८. चित्र गृहपति
निगंठ नातपुत्त अपनी बृहत् परिषद् के साथ उस समय मच्छिकासण्ड में ठहरे हुए थे। गहपति चित्र ने जब यह सुना तो कुछ उपासकों के साथ वह उनके पास आया और कुशल क्षेम पूछकर एक ओर बैठ गया। गृहपति चित्र से निगंठ नातपुत्त ने पूछा-“गृहपति ! क्या तुझे यह विश्वास है कि श्रमण गौतम भी अवितर्क-अविचार समाधि लगाता है? क्या उसके वितर्क और विचार का निरोध होता है ?"
___“भन्ते ! मैं श्रद्धा से ऐसा नहीं मानता हूँ कि भगवान् को अवितर्क-अविचार समाधि लगती है।......"
निगंठ नातपुत्त ने अपनी परिषद् की ओर देखकर कहा-"देखो, गृहपति चित्र कितना सरल, सत्यवादी और निष्कपट है। वितर्क और विचार का निरोध कर देना मानो हवा को जाल से बझाना है अथवा केवल मुष्टि से गंगा के स्रोत को रोकना है।" "भन्ते! आप ज्ञान को बड़ा समझते हैं या श्रद्धा को ?"
! श्रद्धा से तो ज्ञान ही बड़ा है।" "भन्ते ! जब मेरी इच्छा होती है, मैं प्रथम ध्यान, द्वितीय ध्यान, तृतीय ध्यान या चतुर्थ ध्यान में विहार करता हूँ; अतः मैं स्वयं ही जान लेता हूँ और देख लेता हैं। किसी श्रमण या ब्राह्मण की श्रद्धा से मुझे जानने की आवश्यकता नहीं होती।"
निगंठ नातपुत्त ने अपनी परिषद् की ओर देखकर कहा-“गृहपति चित्र कितना वक्र, शठ व धूर्त है।"
गृहपति चित्र ने निगंठ नातपुत्त को कीलते हुए कहा-“मन्ते ! अभी-अभी आपने कहा था-'गृहपति चित्र सरल, सत्यवादी और निष्कपट है' और अभी-अभी आप कह रहे हैं-'गृहपति चित्र वक्र, शठ व धूर्त है।' यदि आपका पहला कथन सत्य है, तो दूसरा कथन मिथ्या है और यदि दूसरा कथन सत्य है, तो पहला कथन मिथ्या है।"
ति चित्र ने अपनी वार्ता के सन्दर्भ में आगे और कहा-“भन्ते ! धर्म के दस प्रश्न आते हैं। जब आपको इनका उत्तर ज्ञात हो, तो आप मुझे और अपनी परिषद को अवश्य बतायें। वे प्रश्न हैं:
१. जिसका प्रश्न एक का हो, जिसका उत्तर भी एक का हो, २. जिसका प्रश्न दो का हो, जिसका उत्तर भी दो का हो, ३. जिसका प्रश्न तीन का हो, जिसका उत्तर भी तीन का हो, ४. जिसका प्रश्न चार का हो, जिसका उत्तर भी चार का हो, ५. जिसका प्रश्न पाँच का हो, जिसका उत्तर भी पाँच का हो,
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