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________________ इतिहास और परम्परा] विहार और वर्षावास वर्षावास पारिलेयक नाला वेरंजा चालियपर्वत श्रावस्ती कपिलवस्तु सन् वर्ष बुद्धावस्था ई०पू० ५३८ १० प्राचीन वंश दाव, पारिलेयक, श्रावस्तो। ५३७ ११ नाला (एकनाला)*। ५३६ १२ नाला, नालंदा, पं वशाला, कम्मासदम्म (कुरु), मथुरा, वेरंजा (अथवा श्रावस्ती, वेरंजा)*। ५३५ १३ वेरंजा, वाराणसी, वैशाली, चालियपर्वत (अथवा वेरंजा, मथुरा, वेरंजा, कोरेय्य, संकस्स, कण्णकुज्ज, पयागपतिट्ठान, वाराणसी, वैशाली, श्रावस्ती, चालियपर्वत)*। ५३४ १४ चालियपर्वत, वैशाली, भद्दिया, आपण (अंगुत्तराप), कुसि नारा, आतुमा, श्रावस्ती। ५३३ १५ श्रावस्ती, मनसाकट (कोसल), इच्छानंगल (कोसल), ओप साद, खाणुमत्त (मगघ), चम्पा, कपिलवस्तु । ५३२ १६ कपिलवस्तु, कीटागिरि, आलवी । ५३१ १७ आलवी, राजगृह (अथवा आलवी, श्रावस्ती, आलवो, राजगृह)*। ५३० १८ राजगृह, चालियपर्वत । ५२६ १६ चालिय पर्वत, चम्पा, काजगला, शिलावती (सुह्म), सेतकणिक (सुह्म), चालियपर्वत (अथवा चालियपर्वत, आलवी चालियपर्वत)*। ५२८ २० चालियपर्वत, राजगृह । ५२७ २१ राजगृह, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, सामगाम, पावा वैशाली+। ५२६- २२- अंग, मगध, काशी, कोसल, वज्जी, वंस, चेदि, पंचाल, कुरु, ५०३ ४५ विदेह, शाक्य, कोलिय, मल्ल आदि जनपदों के विभिन्न स्थान । ५०२ ४६ श्रावस्ती, राजगृह, वैशाली, पावा और कुसिनारा (निर्वाण)। आलवी राजगृह चालियपर्वत चालियपर्वत राजगृह श्रावस्ती श्रावस्ती वेलुव । (वैशाली) * डा० भरतसिंह उपाध्याय के अनुसार । + सामगाम, पावा की यात्रा राहुलजी के अनुसार परिनिर्वाण से दो वर्ष पूर्व की थी, पर हमारी काल-गणना के अनुसार यह संगत नहीं है। x डा० भरतसिंह उपाध्याय के अनुसार (द्रष्टव्य, बुद्धकालीन भारतीय भूगोल प०११२-११८) ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002621
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1987
Total Pages744
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & History
File Size15 MB
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