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________________ आगम और त्रिपिटिक : एक अनुशीलन [खण्ड : १ सन वर्षावास बुद्ध-विहार सापनावस्था ई०पू० वर्ष ५५३ १ कपिलवस्तु, अनूपिया (मल्ल), राजगृह, उरूवेला (अथवा कपिलवस्तु, वैशाली, राजगृह, उरूवेला)।' ५५२ २ उरुवेला । उरुवेला (सेनानीग्राम) उरुवेला ५५० ४ ॥ ५४६ ५ ५४८ ६ बुद्धावस्था ५४७ १ उरूवेला, गया, ऋषिपत्तन (वाराणसी)। ऋषिपत्तन (वाराणसी) राजगृह राजगृह ५४६ २ ऋषिपत्तन, उरूवेला, गया, राजगृह, (अथवा वैशाली, कपिलवस्तु, अनूपिया, राजगृह)* । ५४५ ३ राजगृह, कपिलवस्तु, अनूपिया (मल्ल), नल कपान (कोशल). राजगृह (अथवा राजगृह, वैशाली, श्रावस्ती, कीटागिरि, आलवी, राजगृह) ।* ५४४ ४ राजगृह, वैशाली, श्रावस्ती, राजगृह* । ५४३ ५ राजगृह, कपिलवस्तु, वैशाली। ५४२ ६ वैशाली, मंकुलपर्वत । ५४१ ७ मंकुलपर्वत, राजगृह, श्रावस्ती त्रयस्त्रिश। ५४० ८ त्रयस्त्रिश, संकाश्यनगर, श्रावस्ती, राजगृह, वैशाली, सुंसुमारगिरि। ५३६ ६ सुंसुमारगिरि, कौशाम्बी, बालक लोणकार, प्राचीन वंश दाव (अथवा कौशाम्बी—कम्पासदम्म (कुरु)* । राजगृह वैशाली मंकुलपर्वत त्रयस्त्रिश सुंसुमारगिरि कौशाम्बी १. महायान परम्परा के अनुसार। * डा० भरतसिंह उपाध्याय के अनुसार । ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002621
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1987
Total Pages744
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & History
File Size15 MB
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