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इतिहास और परम्परा
अनुयायी राजा जा चुका है और कुछ-एक का अन्य प्रकरणों में प्रसंगोपात्त वर्णन किया जा चुका है। ये सब राजा ऐसे हैं, जो असंदिग्ध रूप से महावीर या बुद्ध के अनुयायी हैं। क्योंकि उनका वर्णन अपनी-अपनी परम्परा में ही मिलता है । अन्य भी अनेक राजा दोनों परम्पराओं में उल्लिखित हैं; पर, तुलनात्मक अध्ययन की दृष्टि से उनका विशेष महत्त्व नहीं है; अत: यहां उनका उल्लेख अनपेक्षित है।
चार प्रत्येक बुद्ध राजाओं का वर्णन दोनों परम्पराओं में मिलता है। उनका विवरण व विवेचन यथा-प्रसंग किया जाना है।
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