________________
२६०
-आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
भिक्षुओं को आमंत्रित किया उन्हें आठों ही कार्यों की अनुमति दी।
___ एक दिन विशाखा मुख पोंछने का वस्त्र ले भगवान् के पास आई और अभिवादन कर एक ओर बैठ गई । उसने वह वस्त्र शास्ता को उपहृत किया और कहा--"आप इसे स्वीकार करें। यह मेरे चिर कालिक हित-सुख के लिए होगा।" शास्ता ने उस वस्त्र को लिया और उसे धार्मिक कथा द्वारा समुत्तेजित व सम्प्रहर्षित किया। विशाखा जब लौट आई, तो शास्ता ने भिक्षुओं को आमंत्रित किया और मुख पोंछने के वस्त्र की अनुमति दी।
१. विनय पिटक, महावग्ग, ८-४-५ व ६ के आधार पर। २. विनय पिटक, महावग्ग, ८-३-५ के आधार पर ।
____Jain Education International 2010_05
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org