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आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
५. भिक्षुओ ! उत्तम वस्तुओं के दाताओं में महानाम शाक्य ' है । ६.........................मनाप (प्रिय) वस्तुओं के दाताओं में गृहपति उग्र*...। ........ संघ- सेवकों में गृहपति उद्गत ...।
८... • अत्यन्त प्रसन्नमना में शूर अम्बष्ट ४ ... ।
ह.......................पुद्गल (व्यक्तिगत ) प्रसन्नमना में जीवक कौमार मृत्य ... • विश्वस्तों में गृहपति नकुल-पिता ...।
१०....
१. भिक्षुओ ! मेरी श्राविकाओं में प्रथम शरण ग्रहण करने वाली उपासिकाओं में
सुजाता अग्र है |
• दायिकाओं में विशाखा मृगारमाता ...।
• बहुश्रुताओं में खुज्ज - उत्तरा ..
***1
• मैत्री विहार प्राप्तों में सामावती १०...।
- ध्यायिकाओं में उत्तरा नन्दमाता ११... • प्रणीत-दायिकाओं में सुप्रवासा कोलिय- दुहिता • रुग्णों की शुश्रूषिकाओं में उपासिका सुप्रिया...। • अत्यन्त प्रसन्नमना में कात्यायनी १४...
५ ·
......... विश्वस्तों में गृहपत्नी नकुल- माता १५... |
१०. "अनुश्रव प्रसन्नमना में उपासिका काली १६...।
उल्लिखित उपासक - उपासिकाओं में कुछ के नामोल्लेख मात्र ही मिलते हैं और कुछ के नाना घटना-प्रसंग । तपस्सुक और भल्लुक ने बोधि-लाभ के पश्चात् बुद्ध को मोदक और
१. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय, (अनुरुद्ध का ज्येष्ठ भ्राता)
२. वज्जी, वैशाली, श्रेष्ठि-कुल ।
३. वज्जी, हस्तिग्राम श्रेष्ठि-कुल ।
४. कौशल, श्रावस्ती, श्रेष्ठि-कुल ।
५. मगध, राजगृह, अभयकुमार और सातवलिका गणिका से उत्पन्न ।
६. भग्ग, संसुमारगिरि, श्रेष्ठि-कुल ।
७. मगध, उरुवेला सेनानी-ग्राम, सेनानी कुटुम्बिक की पुत्री ।
८. कौशल, श्रावस्ती, वैश्य ।
६. वत्स, कौशाम्बी, घोषक श्रेष्ठी की धाय की पुत्री ।
१०.
भद्रवती राष्ट्र, भद्रिका नगर, भद्रवतिक श्रेष्ठि-पुत्री, पश्चात् वत्स, कौशाम्बी, घोषित श्रेष्ठी की धर्मपुत्री ; वत्सराज उदयन की महिषी ।
११. मगध, राजगृह, सुमन श्रेष्ठी के अधीन पूर्णसिंह की पुत्री ।
१२. शाक्य, कुण्डिया, सीवली माता क्षत्रिय ।
१३. काशी, वाराणसी, वैश्य ।
१४. अवन्ती, कुररघर ( वश्य) नोणकुटिकण्ण की माता ।
१५. भग्ग, संसुमारगिरि ।
[ खण्ड : १
१६. मगध, राजगृह, कुलगेह में उत्पन्न और अवन्ती के कुररघर में उद्वाहिता ।
- अंगुत्तर निकाय, ऐककनिपात, १४ के आधार से ।
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