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________________ १२ प्रमुख उपासक-उपासिकाएं आगमों और त्रिपिटकों की छानबीन में महावीर और बुद्ध की उपासक-उपासिकाओं का विवरण भी पर्याप्त रूप से मिल जाता है । अनुयायी के अर्थ में दोनों ही परम्पराओं में 'श्रमणोपासक' शब्द मुख्यतः प्रयुक्त हुआ है। जैन और बौद्ध श्रमण-परम्परा की ही शाखाएँ थीं ; अत: श्रमणोपासक शब्द उनके पृष्ठवर्ती तादात्म्य को व्यक्त करता है । 'श्रावक' शब्द का प्रयोग भी दोनों परम्पराओं में मिलता है। जैन परम्परा में उपासक के ही अर्थ में तथा बौद्ध परम्पराओं में भिक्षु और उपासक ; दोनों ही अर्थ में इसका प्रयोग मिलता है। जैसे-भिक्ष श्रावक और उपासक-श्रावक।' प्रमुख जैन उपासक उपासकों का परिचय और उनकी चर्या जितनी व्यवस्थित आगमों में मिलती है; उतनी त्रिपिटकों में नहीं । जैन परम्परा के ग्यारह अंग सूत्रों में सातवाँ अंग सूत्र महावीर के दश प्रमुख श्रावकों की जीवन-चर्या का हो परिचायक है। भगवती आदि और भी अनेक सूत्रों में अनेकानेक उपासक-उपासिकाओं का विवरण मिलता है। उववासगदसाओं में दशों ही उपासकों के निर्ग्रन्थ-धर्म स्वीकार करने का, उनके पारिवरिक जनों का, उनके व्यवसाय का, उनकी धन-राशिका तथा उनके गो-कूलों का क्रमबद्ध विवरण है। ऊपर में एक-एक श्रावक के पा चौबीस करोड़ स्वर्ण-मुद्राएँ और अशीति (अस्सी) सहस्र गौएं होने का वर्णन किया गया है। बौद्ध उपासिका विशाखा के पास तो और अधिक धन होने की सचना मिलती है। २७ करोड स्वर्ण-मुद्राएँ तो उसने पूर्वाराम आश्रम के निर्माण में खर्च की थीं। बौद्ध उपासकों के पास भी बड़ी संख्या में गौएँ होने का संकेत त्रिपिटक-साहित्य में मिलता है। बौद्ध उपासकों की विशेषता मुख्यत: विहार-निर्माण और भोजन, वस्त्र आदि के दान के रूप में ही व्यक्त की गई है। जैन उपासकों की विशेषतओं में द्वादश व्रतों की आराधना, सम्यक्त्व की आराधना, तपस्या आदि का प्रमुख स्थान है। जैन उपासकों की आराधना में देवकृत उपसर्गों का भी रोमांचक वर्णन आता है । कुछ श्रावक विचलित हो जाते हैं और कुछ अचल रह जाते हैं। १. अंगुत्तर निकाय, एककनिपात, १४ । ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002621
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1987
Total Pages744
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & History
File Size15 MB
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