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आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
[खण्ड : १
२४. भिक्षुओ! समन्तप्रासादिकों (सर्वतः लावण्य-सम्पन्न) में उपसेन वंगन्त-पुत्र'
अग्रगण्य है। २५.........शयनासन-व्यवस्थापकों में द्रव्य-मल्ल-पुत्र २...। २६........ देवताओं के प्रियों में पिलिन्दिवात्स्य...। २७........ प्रखर बुद्धिमानों में वाहियदारुचीरिय४...। २८.......... विचित्र वक्ताओं में कुमार काश्यप५....। २६........"प्रतिसंवित्प्राप्तों में महाकोष्ठित ...। ३०... • 'बहुश्रुतों, स्मृतिमानों, गतिशीलों, धृतिमानों व उपस्थाकों में
आनन्द...। ३१......... महापरिषद् वालों में उरुवेल काश्यप...। ३२......... कुल-प्रसादकों में काल-उदायी...। ३३...........निरोगों में बक्कली....। ३४........ पूर्व जन्म का स्मरण करने वालों में शोभित ११...। ३५..........विनयधरों में उपालि'२...। ३६.........भिक्षुणियों के उपदेष्टाओं में नन्दक13 ...। ३७.............जितेन्द्रियों में नन्द १४...।
के उपदेष्टाओं में महाकप्पिन१५...। ३६..... तेज-धातु-कुशलों में स्वागत...। ४०........... प्रतिभाशालियों में राध१७...।
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१. मगध, नालक ब्राह्मण-ग्राम, ब्राह्मण, सारिपुत्त के अनुज । २. मल्ल, अनूपिया, क्षत्रिय । ३. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण। ४. वाहियराष्ट्र, कुल-पुत्र। ५. मगव, राजगृह । ६. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण। ७. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय, अमृतोदन-पुत्र । ८. काशी, वाराणसी, ब्राहण । ६. शाक्य, कपिलवस्तु, अमात्यगेह । १०. वत्स, कौशाम्बी, वैश्य। ११. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण। १२. शाक्य, कपिलवस्तु, नापित । १३. कौशल, श्रावस्ती, कुल-गेह।। १४. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय, महाप्रजापती-पुत्र । १५. सीमान्त, कुक्कुटवती, राजवंश । १६. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण । १७. मगध, राजगह, ब्राह्मण ।
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