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________________ इतिहास और परम्परा पारिपाश्विक भिक्षु-भिक्षुणियां २२५ ६भिक्षुओ ! उच्चकुलीनों में भद्दिय कालिगोधा-पुत्र' है । ७........ कोमल स्वर से उपदेष्टाओं में लकुण्टक भद्दिय२...। ८.............सिंहनादियों में पिण्डोल भारद्वाज अग्रगण्य... ........... धर्म-कथिकों में पूर्ण मैत्रायणी-पुत्र...। १०.........व्याख्याकारों में महाकात्यायन...। ११..........मनोगत रूप-निर्माताओं व चित्त-विवर्त्त-चतुरों में घुल्लपन्थक ६....। १२..........संज्ञा-विवर्त्त-चतुरों में महापन्थक..। १३........ क्लेश-मुक्तों व दाक्षिणेयों में सुभूति ...। • आरण्यकों (वन वासियों) में रेवतखदिरवनिय...। १५........ ध्यानियों में कंखा रेवत....। १६.......... उद्यमशीलों में सोण कोडिवीस१...। १७......... सुवक्ताओं में सोण कुटिकण्ण'२...। ..लाभार्थियों में सीवली...। १६........... श्रद्धाशीलों में वक्कलि१४...। २०............ संघीय-नियम-बद्धता में राहुल ५...। २१.......... श्रद्धा से प्रव्रजितों में राष्ट्रपाल'६...। २२........ प्रथम शलाका ग्रहण करने वालों में कुण्डधान ७...। .. २३.........कवियों में वंगीश८...। १. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय । २. कौशल, श्रावस्ती, धनी (महाभोग)। ३. मगध, राजगृह, ब्राह्मण । ४. शाक्य, कपिलवस्तु के समीप द्रोण-वस्तु ग्राम, ब्राह्मण । ५. अवन्ती, उज्जयिनी, ब्राह्मण । ६. मगध, राजगृह, श्रेष्ठि-कन्या-पुत्र । ७. वही। ८. कौशल, श्रावस्ती, वैश्य । ६. मगध, नालक ब्राह्मण-ग्राम, सारिपुत्त के अनुज । १०. कौशल, श्रावस्ती, महाभोग। ११. अंग, चम्पा, श्रेष्ठी। १२. अवन्ती, कुररघर, वैश्य । १३. शाक्य, कुण्डिया, क्षत्रिय, कोलिय-दुहिता सुप्रवासा का पुत्र । १४. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण । १५. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय, सिद्धार्थ-पुत्र । १६. कुरु, थुल्लकोणित, वैश्य । १७. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण । १८. वही। ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002621
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1987
Total Pages744
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & History
File Size15 MB
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