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________________ १०८ बुद्ध-निर्वाण काल यह अन्तर न केवल जीवन-प्रसंगों पर आधारित है। उन दोनों युगपुरुषों को किसी मी काल में ले जायें, तो भी उक्त समीक्षा और निष्कर्ष साथ दे सकते हैं । विषय की परिपूर्णता के लिए यहाँ पर भी काल-क्रम की दृष्टि से विचार कर लेना आवश्यक है । डॉ० राधाकुमुद मुकर्जी के शब्दों में काल-क्रम के साथ ही किसी को ऐतिहासिक पुरुष माना जा सकता है ।" यह बताया जा चुका है कि बुद्ध का काल - क्रम अपने आप में निश्चित नहीं हो. पा रहा है । साथ-साथ यह भी बताया जा चुका है कि महावीर का काल-क्रम स्वयं में सर्वसम्मत और निश्चित जैसा है । अत: उक्त जीवन-प्रसंगों के निष्कर्ष को महावीर की कालावधि के साथ तोलेंगे, तो बुद्ध के जन्म और निर्वाण का काल - क्रम भी स्वयं सामने आ जायेगा | महावीर और बुद्ध के निर्वाण काल का अन्तर २५ वर्ष है । महावीर का निर्वाण ई० पू० ५२७ है; अतः बुद्ध का निर्वाण ई० पू० ५०२ में होता है । जब हम उनके निर्वाणसमय को पा लेते हैं, तो उनके मूलभूत जीवन-प्रसंगों की काल-गणना निम्न प्रकार से बन जाती है : आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन ई० पू० ५८२ ई० पू० ५५४ ई० पू० ५४७ जन्म गृह-त्याग बोधि (कैवल्य ) निर्वाण जन्म गृह-त्याग बोधि प्राप्ति ई० पू० ५४४ ई० पू० ५०२ महावीर और बुद्ध के जीवन-प्रसंगों का तुलनात्मक कार्यक्रम इस प्रकार बनता है : महावीर ई० पू० ५६६ ई० पू० ५६६ ई० पू० ५५७ ई० पू० ५२७ Jain Education International 2010_05 अजातशत्रु का बुद्ध से मिलन - श्रामण्यफल पूछना निर्वाण [खण्ड : बुद्ध ई० पू० ५८२ ई० पू० ५५४ ई० पू० ५४७ ई० पू० ५०२ आयु में १७ वर्ष बड़े इस प्रकार महावीर बुद्ध से थे । उनके जीवन काल की समसामयिकता ई० पू० ५८२ से ई० पू० ५२७ ( = ५५ वर्ष) रही। उनके धर्म प्रचार- काल की समसामयिकता ई० पू० ५४७ से ई० पू० ५२७ ( = २० वर्ष ) रही । 1. Chronology is essential to biography. An individual cannot rank as a historical person unless his life and work are placed in time. - Chandragupta Maurya and His Times, p. 2 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002621
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1987
Total Pages744
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & History
File Size15 MB
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