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आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
[खण्ड : १ ऐतिहासिक क्षेत्र का एक सर्व-सम्मत तथ्य है, जिसे इतिहासकारों ने उस धुंधले युग में झांकने के लिए एक प्रकाश-स्तम्भ (Light house) माना है। किन्तु डा० शाह के अनुसार वह समय ई० पू० ३१७ का आ जाता है ।
जहां तक महावीर के निर्वाण-काल का प्रश्न है, पारम्परिक और ऐतिहासिक दोनों ही आधारों से ई० पू० ५२७ सुनिश्चित है । बुद्ध का निर्वाण-काल ई० पू० ५४३ सिलोनी परम्परा के आधार पर है और वह ऐतिहासिक अवलोकन में सही नहीं उतरता।
इतिहासकारों की दृष्टि में पूर्व और पश्चिम के अनेकानेक इतिहासकारों ने महावीर और बुद्ध की समसामयिकता पर बहुत कुछ लिखा है। उन सबका एक-एक कर उल्लेख कर पाना सम्भव नहीं है, पर यहां एक ऐसे समुल्लेख को उद्धृत किया जा रहा है, जो इतिहास की वर्तमान धारा का निष्कर्ष माना जा सकता है। डॉ० आर० सी० मजूमदार, डॉ० एच० सी. रायचौधरी तथा डॉ० के० के० दत्त द्वारा लिखित An Advanced History of India नामक ग्रन्थ में प्रस्तुत विषय पर पर्याप्त प्रकाश डाला गया है। ग्यारह सौ से भी अधिक पृष्ठों का यह ग्रन्थ वर्तमान में भारतवर्ष के विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर परीक्षार्थियों के लिए पाठ्य-ग्रन्थ के रूप में निर्धारित है। इस ग्रन्थ के Ancient India खण्ड में महावीर-निर्वाण के विषय में कहा गया है : “कहा जाता है, यह घटना मौर्यों से २१५ वर्ष पूर्व तथा विक्रम से ४७० वर्ष
१. The event is said to have happened 215 year before the Mauryas,
and 470 years before Vikrama. This is usually taken to refer to 528 B.C. But 468 B.C. is preferred by some modern scholars. who rely on a tradition recorded by the Jain monk Hemchandra that the interval between Mahavira's death and the accession of Chandragupta Maurya was 155, and not 215 years. The latter date does not accord with the explicit statement found in some of the earliest Buddhist texts that Mahavira predeceased Buddha. The earlier date is also best with difficulties. In the first place it is at variance with the testimony of He mchandra, who places
Mahavira's Nirvana only 155 years before Chadragupta Maurya. Again some Jain texts place the Niryana 470 years before the birth of Vikrama, the Vikrama and not his accession, and as this event according to the Jains, does not coincide with the foundation of era of 58 B.C. attributed to Vikrama, the date 528 B.C. for Mahavira's death can hardly be accepted as representing unanimous tradition. Certain Jain writers assume an interval of 18 years between the birth of Vikrama and the foundation of the era
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