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४५४.
रायस्स
रिक्षा
रुडी
रुणऊणइ
रुद्धि
रुलिय
रूड़ी
रूड
रुव
अ
ख्वय
रुविण
रुसण
ऋषिमती
रेलो
रेहिणी:
रोल
ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह
लेख
३१ राजाके
१६६ रक्षा
२६३, २८४ अच्छी
४९ मंडराते हैं | लाइक
२८६ ऋद्धि,
धन
३७ रुला, पड़ गया,
३६६ रूप
३७९ सुन्दर, अच्छा
१६५
३४३
२६३ अच्छा
९, ३६६ रूप
""
""
अच्छी
३६६ रूपक
३६५ रुपसे
१५७ रोसकर
१४१ तपोंका उप
नाम
१३१ प्रवाह
३९० रोहिणी
४०७ नाम
ल
३६८ लक्षणोंके ज्ञाता
१५७ लक्षण
१५९ लक्षण्वन्त
लक्खfor
लखण
लखणवन्तो लकि २९, ३६१ लक्ष्मी
लद्विवर
लबधिवन्त
३० उत्तम लब्धि
४०२ लब्ध ( शक्ति
लाखपसाव
लाsast
२७० प्यारा
लाडो
३०४ स्वामी
लाहिण ६४,६८,११६,४१० लभ निका
लिगार
लिह
व (च) क्कु
वखतवन्त
वछ
वछरि
बडउ
वत्थु
वदत
लुललुल ३०२, ३६५ झुक झुककर
लू छणा
३६३ न्यौछावर ?
लेखइ
३८७ हिसाब '
लोह
२ लोग
लोकणरओ
१०४ लोकोंका
लोह न
वद्ध ए
वधारो
३५२ बड़े बांसपर खेल करनेवाली नटजाति
३०४ लायक
३०३ एक दानविशेष
वनभृङ्ग वनियां
वन्निज्जइ
२५९ थोड़ा, किञ्चित
१४० लिया
विशेष ) सम्पन्न
लवण्ड १५४ लेवड़े, दीवालकी पपड़ी
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1
व
२ चक्र, १९० भागवान
३२३ पुत्र
२१,२९,३९६ वत्सर, वर्ष
९२ लोभ नहीं
३५९ बड़ा
३५ वस्तु
९८, ४४ प्रसिद्ध
मंडल
३९१ वृद्धिं पाता है
३५८ वृद्ध करो
९४ वनका भ्रमर
१५७ आभूषण विशेष
३५ वर्णन किया जाता है ।
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