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ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह
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जादाजीला माना।
॥ नानी की यह लिक्षिा
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मस्तयोगी ज्ञानसारजी व वाचक जयकीर्ति जी ( मूल चित्र-श्रोजिन कृपाचन्द्रसूरि ज्ञान भंडार-बीकानेर )