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ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह
दुर्घट घटना घटित कुटिल कपटागम सूत्कट ।
. वावाटोत्कट करटि करट पाटन सिंहोदभट । न विट लंपट मुक्त निकट विन तारि भट स्फट,
हाटक सुथट किरीट कोटि घृस्ट क्रम नख तर जट, विस्टप वांछित कामघट विघडित दुष्ट घट प्रकट
जिनभद्र सूरि गुरुवर किकट, सितपटसिरोमुकुट ॥३०॥
॥ इति समस्तदेव गुरु षट्पदानि ॥
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