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________________ दूसरे कालाणु के प्रति गमन करता है, तब वहाँ दोनों कालाणु पृथक्-पृथक् होने से समय का भेद बन जाता है और यदि एक अखंड लोक के बराबर कालद्रव्य हों तो समय पर्याय की सिद्धि किस प्रकार हो सकती है। यदि यह तर्क दिया जाय कि कालद्रव्य लोकप्रमाण असंख्यात प्रदेशी हैं, उसके एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश के प्रति जाने पर समय पर्याय की सिद्धि हो जायेगी? इसका समाधान यह है कि एक अखंड द्रव्य के एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में जाने पर समय पर्याय का भेद नहीं बनता। अतः समय पर्याय में भेद सिद्ध करने के लिए काल द्रव्य को अणुरूप में स्वीकार किया गया काल दो प्रकार का है-व्यवहार काल और निश्चय काल। हम व्यवहार के स्वरूप भेद और प्रभेद को प्रत्यक्ष अनुभव कर सकते हैं, परंतु निश्चय काल की प्रकृति व्यवहारकाल द्वारा ही अनुमानित की जाती है। उसकी प्रकृति स्वरूप सब कुछ इन्द्रियातीत है। एक-एक समय का समुच्चय आवलि, पल आदि काल का जो व्यवहार है, वह व्यवहारकाल है, इसे समय पर्याय भी कह सकते हैं। यह समय पर्याय ही निश्चय काल ज्ञान कराती है। यहाँ एक यह भी तर्क दिया जा सकता है कि कालाणु को न मानकर मात्र समयपर्याय रूप वृत्ति ही स्वीकार करें तो क्या कठिनाई है? इसका समाधान अमृतचंद्राचार्य ने यह दिया है कि मात्र वृत्ति (समयरूप परिणति) काल नहीं हो सकती क्योंकि वृत्ति वृत्तिमान के बिना नहीं हो सकती। यदि यह कहा जाय कि वृत्तिमान के बिना भी वृत्ति हो सकती है तो यह प्रश्न होगा कि वृत्ति तो उत्पाद, व्यय, ध्रौव्य की एकता स्वरूप होनी चाहिये। अकेली वृत्ति उत्पाद, व्यय, धौव्य की एकतारूप कैसे हो सकती है? अथवा यह कहा जाय कि अनादि अनंत अनंतर (परस्पर अंतर हुए बिना एक के बाद एक प्रवर्तमान) अनेक अंशों के कारण एकात्मता होती है इसलिये पूर्व-पूर्व के अंशों का नाश होता है और उत्तर-उत्तर अंशों का उत्पाद होता है तथा एकात्मकता रूप ध्रौव्य रहता है, इस प्रकार अकेली वृत्ति भी उत्पाद, व्यय, धौव्य की एकतास्वरूप हो सकती है, परंतु ऐसा संभव नहीं है। 1. स. सि. 5.39 पृ. 241 का विशेष विवेचन 175 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002592
Book TitleDravyavigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyutprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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